गाजीपुर बॉर्डर पर आज संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक
संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक
देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में 3 कृषि कानूनों (Farmer Law) की वापसी पर सरकार की हामी के बाद भी किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) लगातार जारी है. वहीं, आंदोलन का एक साल पूरा होने पर शुक्रवार को जहां सीमाओं पर कार्यक्रम आयोजित किए गए तो वहीं, MSP की गारंटी, प्रदूषण संबंधी कानूनों के तहत किसानों पर जुर्माना न करने और बिजली संशोधन अधिनियम को खारिज करने समेत कई मांगों पर किसानों का संघर्ष जारी है. वहीं, आगामी 29 नवंबर को प्रस्तावित किसानों के संसद कूच समेत किसान आंदोलन से जुड़े सभी फैसले शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की होने वाली बैठक में किए जाने की संभावना जताई जा रही है.
दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा ने 3 कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सहित दूसरी मांगों पर सुनवाई की मांग की है. हालांकि अब किसानों को सरकार की ओर से दोबारा से बातचीत के लिए बुलाए जाने का इंतजार है , जिससे आंदोलन की दिशा और दशा तय की जा सके. फिलहाल किसानों को सरकार की ओर से बातचीत के लिए कोई साफतौर पर संकेत नहीं मिला है. वहीं, पहले से किसानों ने 29 को संसद कूच के तहत शीतकालीन सत्र (Winter Session) के दौरान प्रतिदिन 500 ट्रैक्टर के साथ दिल्ली में एंट्री करने की घोषणा की थी.
बैठक में MSP की गारंटी के लिए प्रारूप तय किए जाने की भी उम्मीद
वहीं, किसान नेताओं के मुताबिक उनकी तरफ से यह एलान पहले किया गया था. ऐसे में शनिवार सुबह 11 बजे से होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में MSP, पराली के लिए कानून, बिजली संशोधन अधिनियम, किसानों को मुआवजा, मृत किसानों की याद में स्मारक बनाने और सभी राज्यों में आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज FIR वापस लेने की मांग पूरी नहीं हुई है. इस बैठक में MSP की गारंटी के लिए प्रारूप तय किए जाने की भी उम्मीद है, जिससे सरकार की तरफ से इस दिशा में पहल होने के बाद किसान तत्काल इसे पेश कर सकें.
किसान अपनी मांगों पर सरकार से बातचीत करने का करेंगे इंतजार
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के शिवकुमार शर्मा (कक्काजी) ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के साथ ही किसान MSP की गारंटी की मांग करते रहे हैं. बीते साल सरकार ने जिन मांगों पर हामी भर दी थी, अब तक उन्हें लागू नहीं किया गया है. इसके चलते 700 से ज्यादा किसानों की जानें गई.
ऐसे में आश्रितों को मुआवजा देने और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने समेत किसानों की और भी मांगे हैं. फिलहाल बातचीत की शुरुआत होने पर सभी पहलुओं पर हो सकती है. यदि किसानों की प्रमुख मांगों पर सुनवाई होने के बाद ही किसानों का आंदोलन के लिए आगे की रणनीति तय करेंगे.
सभी मांगे पूरी न होने पर किसानों का आंदोलन रहेगा जारी- डॉ. दर्शनपाल
गैरतलब कि संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि आंदोलन का एक साल पूरे होने की किसानों में काफी खुशी है. इस दौरान पूरी दुनिया और देश में किसानों के आंदोलन के समर्थन में है. ऐसे में केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस लेने की तो घोषणा कर दी है मगर मोर्चा के मांग पत्र में 6 मांगे हैं.
इन सभी मांगों पर सुनवाई के बाद ही किसान आंदोलन की दिशा तय होगी. वहीं, 29 को किसानों के संसद कूच पर शनिवार को होने वाली बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा.