सबसे ज्यादा बुजुर्ग वोटर,यूपी नहीं इस राज्य में हैं, चुनाव आयोग करा रहा घर जाकर वोटिंग

Update: 2024-04-13 02:29 GMT

नई दिल्ली: देश में आबादी और लोकसभा सीटों की दृष्टि से भले ही उत्तर प्रदेश टॉप पर हो लेकिन आबादी के मामले में यूपी से काफी पीछे चल रहे महाराष्ट्र में देश में सबसे अधिक 85 साल से अधिक की उम्र वाले बुजुर्ग वोटर हैं। बूढ़े वोटरों में दूसरे पायदान पर यूपी और तीसरे में बिहार है। देश के टॉप-10 राज्यों में सबसे उम्रदराज वोटरों में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है। इसके बाद उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात, उड़ीसा, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश हैं, जहां देश के कुल 81 लाख से अधिक सुपर बुजुर्ग वोटरों में से 58 लाख 97 हजार 338 वोटर हैं। सबसे अधिक उम्रदराज वोटरों में टॉप-थ्री में शामिल महाराष्ट्र, यूपी और बिहार तीनों में पुरुषों के मुकाबले महिला बुजुर्ग वोटर अधिक हैं। लोकसभा सीटों और आबादी के हिसाब से इन टॉप-10 राज्यों में सबसे यंग

107 किमी. दूरी तय कर पहुंची चुनाव अफसरों की टीम

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में दो बुजुर्ग अपने घरों से अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें, इसके लिए निर्वाचन अधिकारियों ने जोखिम भरे रास्तों और जंगलों से होकर 107 किलोमीटर लंबी यात्रा की। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गढ़चिरौली-चिमूर निर्वाचन क्षेत्र के दो बुजर्ग मतदाताओं में से एक की उम्र 100 वर्ष जबकि दूसरे की 86 वर्ष है। यहां लोकसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगा। गढ़चिरौली में जिला सूचना कार्यालय के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने 85 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और 40% से अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को आगामी लोकसभा चुनाव में घर से मतदान करने का विकल्प दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि इस पहल के तहत चुनाव अधिकारियों ने 100 वर्षीय किश्तय्या मदारबोइना और 86 वर्षीय किश्तय्या कोमेरा के घर तक पहुंचने के लिए अहेरी से सिरोंचा तक 107 किलोमीटर की यात्रा की। इन बुजुर्गों को चलने-फिरने में समस्या है, लेकिन वे अपने मताधिकार का उपयोग करने के इच्छुक हैं। अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन अधिकारियों ने गढ़चिरौली-चिमूर निर्वाचन क्षेत्र में घर से मतदान करने के लिए 85 वर्ष से अधिक आयु के 1,037 मतदाताओं और 338 दिव्यांगों के आवेदनों को मंजूरी दे दी है। अब तक, कुल 1,205 मतदाताओं ने घर से अपने मताधिकार का उपयोग कर लिया है।

भारतीय चुनाव आयोग का कहना है कि मतदान के दौरान देश के 85 साल और इससे अधिक की उम्र पार कर चुके और दिव्यांग वोटरों के लिए उनके घर से ही मतदान कराने की सुविधा दी जा रही है। लेकिन शर्त यह है कि जिससे की संबंधित अधिकारी उनके वोट लेने के लिए घर आ सकें। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस तरह के तमाम वोटरों की जानकारी संबंधित राजनीतिक पार्टी और उम्मीदवारों को भी दी जाती है।

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