मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट पर फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका पर SC में सुनवाई आज, जानें पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को बरकार रखने से संबंधित फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है.

Update: 2022-08-25 01:41 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के विभिन्न प्रावधानों को बरकार रखने से संबंधित फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को इस याचिका पर सुनवाई होनी है. पिछले महीने की 27 तारीख को सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारों और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा था ईडी को गिरफ्तारी का अधिकार है.

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की पुनर्विचार याचिका पर कोर्ट 25 अगस्त को सुनवाई करेगी. सीजेअई एनवी रमण, जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने मामले को सुनने पर सहमति जताई. कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी की शक्तियों को बरकरार रखने के 27 जुलाई के फैसले पर फिर से विचार करने के लिए याचिका दाखिल की थी.
आइए जानते हैं इससे पहले मामले में क्या हुआ था…
इससे पहले PMLA पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था. प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से दर्ज केस में फंसे लोगों को झटका देते हुए कोर्ट ने पीएमएलए कानून के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि 2018 में कानून में किए गए संशोधन सही हैं. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सभी अधिकारों को बरकरार रखा था.
कोर्ट ने कहा था- गिरफ्तारी मनमानी नहीं है
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी, रेड, समन, बयान समेत PMLA एक्ट में ED को दिए गए सभी अधिकारों को सही ठहराया था. कोर्ट ने कहा था कि प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) को एफआईआर के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. ईसीआईआर की कॉपी आरोपी को देना जरूरी नहीं है. गिरफ्तारी के दौरान कारणों का खुलासा करना ही काफी है. कोर्ट ने कहा था कि ईडी के सामने दिया गया बयान ही सबूत है.
100 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई थीं
सुप्रीम कोर्ट में पीएमएलए के कई प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए 100 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई थीं. इसमें ईडी की शक्तियों, गिरफ्तारी के अधिकार, गवाहों को समन व संपत्ति जब्त करने के तरीके और जमानत प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी. याचिकाएं कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम, एनसीपी नेता अनिल देशमुख व अन्य की ओर से दायर की गई थीं.
मनी बिल के तहत बदलाव को 7 जजों की बेंच को भेजा
इसके अलावा प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में मनी बिल के तहत बदलाव किए जाने के सवाल को अदालत ने 7 जजों की बेंच के सामने भेजने का फैसला लिया. दायर की गई याचिकाओं में ईडी की ओर से रेड, गिरफ्तारी के अधिकारी, संपत्ति को जब्च करने और बेल की कठिन शर्तों पर विचार करने की अपील की गई थी.
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