पहले आबकारी नीति पर उठे सवालों का जवाब दें केजरीवाल, नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी की प्रेस कांफ्रेस

Update: 2022-08-20 16:06 GMT

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार की नई शराब नीति पर बवाल जारी है. शनिवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने निवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी बात रखी. कुछ देर बाद प्रदेश बीजेपी कार्यालय में विधानसभा ने नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी (Leader of Opposition Ramvir Singh Bidhuri Reaction) ने प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पर हमला बोला और कहा कि स्कूलों व अस्पतालों की बात बाद मे करेंगे, पहले दिल्ली सरकार की आबकारी नीति (Delhi Government Excise Policy) से जुड़े सवालों का जवाब आम आदमी पार्टी के नेताओं को देना होगा.रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) से कुछ सवाल पूछना चाहता हूं कि गत वर्ष पांच नवंबर को काउंसिल ऑफ मिनिस्टर को बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता केजरीवाल कर रहे थे. इसमें फैसला लिया गया कि दिल्ली के नॉन कांफरमिंग एरिया में भी शराब की दुकान खोले जाएं. बिधूड़ी ने कहा कि वे सीबीआई मांग करते हैं कि इस बैठक में मौजूद सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास ये अधिकार ही नहीं है कि मास्टर प्लान में बदलाव इस तरह से कर सकें.

नेता विपक्ष ने कहा कि गत माह विधानसभा के विशेष सत्र में भी उन्होंने कहा था कि नई एक्साइज पॉलिसी में घोटाला (Scam in New Excise Policy)हुआ है. जो ठेकेदार ब्लैकलिस्टिड थे, उन्हें ठेके क्यों दे दिए गए ? शराब निर्माताओं को शराब बिक्री करने की इजाजत कैसे दी गई ? कमीशन 12 परसेंट क्यों किया ? शराब की टेस्टिंग नियम में बदलाव क्यों किया ? शराब परोसने का समय क्यों बदला ? दिल्ली में डांस बार की अनुमति भी इस पॉलिसी में दी क्यों गई.उन्होंने कहा कि यह सब सवाल है जिसका जवाब देने से आम आदमी पार्टी की सरकार बच रही है. दिल्ली में शराब की बिक्री बढ़ गई, लेकिन राजस्व कम हो गया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के समस्त नेता शिक्षा और स्वास्थ्य क्रांति के राग की बजाय शराब नीति पर बात करें. बिधूड़ी ने कहा कि मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई का छापा आबकारी नीति लागू करने में किए गए घोटाले के कारण डाला गया है, लेकिन आम आदमी पार्टी मुद्दे पर बात करने की बजाय इधर-उधर की बातें कर रही है.नेता विपक्ष ने कहा कि दिल्ली में आबकारी नीति लागू करने में किए गए घोटाले पर अनेक सवाल उठ रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल या आम आदमी पार्टी का कोई भी नेता उन सवालों पर जवाब देने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि क्या आप नेता बताएंगे कि आखिर कोविड-19 के नाम पर लाइसेंसधारकों को 144 करोड़ रुपए से ज्यादा की छूट कैसे दे दी गई ?इसे भी पढ़ें : उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग, कांग्रेस का आप कार्यालय के पास प्रदर्शनक्या आप नेता बताएंगे कि दिल्ली एयरपोर्ट के ठेकेदार को 30 करोड़ रुपए की धरोहर राशि वापस क्यों कर दी गई ? क्या आप नेता बताएंगे कि बीयर पर प्रति केस 50 रुपये की छूट कैसे दी गई ? क्या आप नेता बताएंगे कि ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को भी कैसे लाइसेंस जारी कर दिए गए ? क्या आप नेता बताएंगे कि शराब निर्माताओं को ही रिटेल में शराब की बिक्री का लाइसेंस कैसे जारी कर दिया गया ? क्या आप नेता बताएंगे कि शराब ठेकेदारों का कमीशन 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कैसे कर दिया गया ? क्या आप नेता बताएंगे कि दिल्ली में पुरानी शराब नीति के उस समय चल रही 550 दुकानों को बढ़ाकर 849 ठेके कैसे कर दिए गए ? क्या आप नेता बताएंगे कि आखिर नॉन कन्फर्मिंग इलाकों में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति कैसे दे दी गई, जबकि मास्टर प्लान इसकी मंजूरी नहीं देता ? क्या आप नेता यह रहस्य खोलेंगे कि कैसे दिल्ली में शराब की बिक्री तो बढ़ गई लेकिन सरकार की आय कम हो गई ?इसे भी पढ़ें : सिसोदिया ने कहा, केजरीवाल को रोकने के लिए मुझे गिरफ्तार किया जा सकता हैउन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल को आबकारी नीति पर डिबेट के लिए चुनौती दी है. वे बताएं कि आबकारी में उठे इन सवालों के जवाब क्या हैं. शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों के कमरों बनाने के घोटाले या फिर स्वास्थ्य विभाग में कागजों पर खुले अस्पतालों की जब जांच होगी तो आप शिक्षा और स्वास्थ्य की भी बात कर लीजिएगा, लेकिन अभी तो आबकारी नीति के घोटाले पर छापा मारा गया है और अभी तो आपको इस पर जवाब देना ही होगा.

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