किसान आज गाजीपुर बॉर्डर से समेट लेंगे बोरिया-बिस्तर, लेकिन अभी नहीं खुलेगा आम जनता के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे

कृषि कानूनों के रद्द होने के बाद आज आंदोलनकारी किसान दिल्ली बॉर्डर को पूरी तरह खाली कर देंगे. कि

Update: 2021-12-15 03:40 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कृषि कानूनों के रद्द होने के बाद आज आंदोलनकारी किसान दिल्ली बॉर्डर को पूरी तरह खाली कर देंगे. किसानों का आखिरी जत्था आज दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर के मुजफ्फरनगर लौट जाएगा. किसान आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा जिसकी एक आवाज पर देशभर के किसान एकजुट हुए, जिसकी जिद्द के आगे सरकार को भी झुकना पड़ा, वो राकेश टिकैत, 383 दिन बाद आज अपने घर लौट रहे हैं. गाजीपुर बॉर्डर से किसान आज भले ही बोरिया-बिस्तर समेट रहे हैं, लेकिन आम जनता के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे अभी नहीं खुलेगा.

आंदोलन के दौरान दिल्ली की सीमाओं से लगती सड़कें, जो बंद थीं, अब आप उनसे होकर फिर से गुजर सकेंगे, हालांकि अभी भी हाइवे पर गाड़ियां दौड़ाने में 15 से 20 दिन लग सकते हैं. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे नेशनल हाइवे 24 पर किसान बीते एक साल से बैठे हुए हैं जो 15 दिसंबर तक अपने घर की ओर रवाना हो जाएंगे. लेकिन इसके बाद भी एनएच 24 आम नागरिकों के लिए अभी नहीं खुल सकेगा.
इलाके को अपने नियंत्रण में लेगी पुलिस
एनएच 24 पर जिस जगह किसान बैठे हुए हैं, उस जगह का एक साल से अधिक समय से निरीक्षण नहीं हो सका है, इसके अलावा फ्लाईओवर पर दरारें भी पड़ गई हैं, जिन्हें ठीक करना बाकी है. किसानों के चले जाने के बाद सबसे पहले उस इलाके को पुलिस अपने नियंत्रण में लेगी और नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी व कर्मचारी निरीक्षण करेंगे और जो खामियां निकलेंगी, उन्हें दुरुस्त किया जाएगा. इसके अलावा सब कुछ ठीक होने के बाद ही गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई जाएगी.
NHAI के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने आईएएनएस को बताया, "अभी किसानों के जाने के बाद हम उस जगह का निरीक्षण करेंगे, उसके बाद रिपेयरिंग भी करना है, नेशनल हाइवे के एक्सपर्ट जाकर चेक करेंगे, रिपोर्ट बनाएंगे. कब तक सड़क खोल पाएंगे, यह हाइवे के हालात को देखकर पता चलेगा. अंदाजन, अभी कम से कम 15-20 दिन बाद ही सड़क खुल पाएगी. जब सभी खामियां पूरी हो जाएंगी, तब जनता के लिए इसे खोल दिया जाएगा."
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