निजी कार से ड्यूटी पर पहुंचने पर हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई

Update: 2022-07-29 12:40 GMT

नई दिल्ली न्यूज़: रेलवे के लेवल क्रॉसिंग पर तैनात एक गेटमैन के खिलाफ इसलिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है, क्योंकि वह अपनी ड्यूटी पर निजी कार से पहुंचा था। जब इंस्पेक्शन करने पहुंचे रेलवे के एक बड़े अधिकारी को पता चला कि गेटमैन होकर भी वह कार से ड्यूटी पर आया है तो उसे चार्जशीट कर दिया गया। उस पर आरोप है कि उसने ड्यूटी पर लापरवाही की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना यूपी के हापुड़ रेलवे स्टेशन के पास की है। यह स्टेशन राजधानी दिल्ली से भी महज चंद किलोमीटर की दूरी पर है। यहां रेलवे के एक गेटमैन ने रात के समय अपनी ड्यूटी पर पहुंचने के लिए अपनी प्राइवेट कार का इस्तेमाल किया था। वह रेलवे फाटक पर पहुंचा और वहीं कार पार्क करके अपनी ड्यूटी में जुट गया। संयोग से उसी रात रेलवे के एक बड़े अधिकारी इंस्पेक्शन पर थे, जिन्होंने फाटक के पास गेटमैन की कार देखकर इसे पूरी तरह से रेलवे प्रोटोकॉल का उल्लंघन पाया। संबंधित गेटमैन को रेलवे की ओर से जो चार्जशीट थमाई गई है, उसमें लिखा है-आरोप: आप 23-24 जुलाई, 20222 की गेटमैन की ड्यूटी पर तैनात थे। गाड़ी संख्या 12430 से प्रिंसिपल इंजीनियर निरीक्षण कर रहे थे। आपने अपने लेवल क्रॉसिंग पर कार पार्क कर रखी थी। आपने माना कि कार आपकी ही है। आपका कार से ड्यूटी पर आना रेल प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। यह ड्यूटी के प्रति आपकी लापरवाही दिखाता है। आपने रेल प्रशासन अधिनियम वर्ष, 1968 के प्रावधान का उल्लंघन किया है। इस चार्जशीट पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर, हापुड़ का दस्तखत है।


जानकारी के मुताबिक, जब उत्तर रेलवे के अधिकारियों की नजर रेलवे फाटक से कुछ मीटर की दूरी पर खड़ी एक मारुति कार पर पड़ी, तो उन्होंने पता लगाना शुरू किया कि कार किसकी है। औचक निरीजक्षण के दौरान गेटमैन ने अधिकारियों को खुद बताया कि कार उसी की है। लेकिन, उसका यह सच बोलना उसपर भारी पड़ गया और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई। हालांकि, इस मामले में संबंधित गेटमैन या रेलवे अधिकारियों का जवाब नहीं मिल पाया है। ट्विटर पर एक शख्स ने लिखा है, कैसे एक कार रखनाना 'ड्यूटी से लापरवाही' और 'उल्लंघन' का मामला है? मैं अश्विनी वैश्नव (रेल मंत्री) जी से अनुरोध करता हूं कि सुनिश्चित करें कि किसी तरह का अन्यान नहीं हो। रेल कर्मचारियों के यूनियन उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन के अध्यक्ष एस. एन. मलिक का कहना है कि कार से ड्यूटी पर आने पर चार्ज शीट जारी करना सरासर गलत है। कोई व्यक्ति अपनी कार से ड्यूटी पर आता है या किसी और साधन से, यह मायने नहीं रखता है। मायने रखता है कि वह समय से ड्यूटी पर आए और अपना काम करे।

इस समय रेलवे में ग्रुप डी कर्मचारी की नौकरी के लिए भी एम. टेक, बी. टेक और ग्रेजुएट लोग आ रहे हैं। पढ़े-लिखे लोग तो कार में चलते ही हैं। हो सकता है कि उस गेटमैन की पत्नी कमाती हो, घर से संपन्न हो। और फिर, रात में सुरक्षित ड्यूटी स्थल पर भी पहुंचना भी तो जरूरी है। वैसे भी अभी बरसात का दिन है। कार से जाना तो सबसे सुरक्षित है। ऐसे रास्ते में कुछ भी हो सकता है।

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