दिल्ली : इस बार कोरोना वायरस काफी अलग, 16 दिन के भीतर 10 गुना मरीज बढ़े, एम्स के तीनों आईसीयू फुल

इस बार कोरोना का वायरस काफी अलग है। साथ ही इसकी चपेट में आने वाले गंभीर मरीज पहले की तुलना में भी अलग हैं।

Update: 2022-01-18 03:29 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस बार कोरोना का वायरस काफी अलग है। साथ ही इसकी चपेट में आने वाले गंभीर मरीज पहले की तुलना में भी अलग हैं। स्थिति यह है कि दिल्ली एम्स के तीनों आईसीयू अब पूरी तरह भर चुके हैं। यहां आठ से 10 मरीज की वेटिंग भी शुरू हो गई है।

नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वरिष्ठ डॉ. अंजन त्रिखा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अधिकांश लोगों में संक्रमण का असर हल्का है लेकिन सह बीमारी वाले रोगियों के लिए अभी भी जोखिम बना हुआ है। उनके यहां आईसीयू में भर्ती मरीज टीकाकरण करवा चुके हैं। सोमवार को डॉ. त्रिखा क्लिनिकल एक्सीलेंस प्रोग्राम के तहत ऑनलाइन सत्र में यह जानकारी दे रहे थे।
इसी दौरान एम्स के वरिष्ठ डॉ. नीरज निश्चल ने कहा कि टीकाकरण के जरिए ओमिक्रॉन काफी हद तक लोगों में हल्का असर दिखा रहा है लेकिन एम्स में गंभीर रोगियों की संख्या भी कम नहीं है। जिन्हें पहले से बीमारियां हैं या फिर जिनकी आयु अधिक है उनमें टीकाकरण के बाद भी संक्रमण परेशान कर रहा है।
एम्स से मिली इस जानकारी के बाद जब 'अमर उजाला' ने अस्पतालों में कोविड बिस्तरों को लेकर पड़ताल शुरू की तो हेल्थ बुलेटिन और सरकार के डेशबोर्ड के बीच बड़ा अंतर भी देखने को मिला। रोजाना जारी होने वाले हेल्थ बुलेटिन के अनुसार एक से 16 जनवरी के बीच दिल्ली के अस्पतालों में 10 गुना से भी अधिक मरीजों की संख्या बढ़ी है। जबकि डेशबोर्ड के मुताबिक यह बढ़ोतरी 30 गुना तक पहुंच गई है।
बुलेटिन में ही 10 गुना मरीजों की बढ़ोतरी
31 दिसंबर 2021 तक अस्पतालों में 226 मरीज भर्ती थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 2711 तक पहुंच गई है। इसी अवधि में कोविड निगरानी केंद्र में रोगियों की संख्या 146 से बढ़कर 502, ऑक्सीजन सपोर्ट पर मौजूद रोगी 83 से बढ़कर 835 तक पहुंच गए हैं। इनके अलावा बीते 16 दिन में 120 वेंटिलेटर भी भरे हैं। 31 दिसंबर 2021 तक केवल तीन मरीज ही वेंटिलेटर पर थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 123 तक पहुंच गई है। इनके अलावा आईसीयू में 738 मरीज उपचाराधीन हैं।
डेशबोर्ड में 30 गुना तक बिस्तर भरे
दिल्ली फाइट कोरोना के तहत सरकार के डेशबोर्ड पर आंकड़ें अलग दिखाई दे रहे हैं। इनके अलावा 17 जनवरी की दोपहर तक राजधानी के अस्पतालों में कोरोना के सामान्य बिस्तरों पर 2781 मरीज भर्ती हैं। ऑक्सीजन सपोर्ट पर 2652, आईसीयू में 842 और वेंटिलेटर पर 263 मरीज उपचाराधीन हैं। इनके आंकड़ों पर गौर करें तो दिल्ली के अस्पतालों में 1707 में से 263 वेंटिलेटर फुल हुए हैं जिनमें एम्स ट्रामा सेंटर के बिस्तर भी शामिल हैं। अगर 31 दिसंबर 2021 से तुलना करें तो डेशबोर्ड के अनुसार अस्पतालों में कोरोना के बिस्तर 30 गुना तक (226 से बढ़कर 6538) भर गए हैं।
दैनिक मामलों की तुलना में भर्ती दर कम : स्वास्थ्य विभाग
डेशबोर्ड और हेल्थ बुलेटिन के बीच अंतर को लेकर जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दैनिक मामलों की तुलना में भर्ती दर काफी कम है। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि 31 दिसंबर 2021 को 1796 लोग संक्रमित मिले थे लेकिन पिछले एक दिन में ही 12 हजार से ज्यादा मरीज मिले हैं। चार दिन पहले तक इनकी संख्या 28 हजार तक थी। अगर इस संख्या से तुलना करें तो भर्ती दर काफी कम है और अधिकांश बिस्तर खाली पड़े हैं।
हेल्थ बुलेटिन : अस्पतालों की स्थिति
. 17.96 फीसदी बिस्तर ही अभी तक अस्पतालों में भरे।
. 10.27 फीसदी बिस्तर कोविड निगरानी केंद्रों में भरे।
. 13.29 फीसदी बिस्तर कोविड स्वास्थ्य केंद्र में भरे।
. 68275 मरीज अपने घरों में उपचाराधीन।
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