दिल्ली नगर निगम ने संपत्ति कर को लेकर मीडिया में चल रही खबरों को किया खारिज
दिल्ली नगर निगम ने मीडिया में चल रही उन खबरों को गलत करार दिया है
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम ने मीडिया में चल रही उन खबरों को गलत करार दिया है, जिनमें संपत्ति कर को दो गुना कर दिए जाने की बात कही जा रही है।निगम ने अपनी सफाई में कहा है कि इस खबर में जरा भी सच्चाई नहीं है। नगर निगम ने कहा है कि उसके के अधिकार क्षेत्र में आने वाली 80 प्रतिशत संपत्तियां रिहायशी हैं तथा बाकी 20 प्रतिशत संपत्तियां गैर रिहायशी हैं। रिहायशी संपत्तियों के लिए संपत्ति कर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है
निगम ने 16 जुलाई 2022 से लागू हुई एकरूपीय संपत्ति कर नीति के अंतर्गत प्रारंभ की गई सहभागिता पहल के अंतर्गत आरडब्ल्यूए को अधिक मजबूती प्रदान की है, जिससे की वे अधिक कुशल एवं प्रभावी तरीके से दिल्ली के नागरिकों की सेवा कर सकें। इसलिए, दिल्ली की अधिक से अधिक संपत्तियों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है एवं देय संपत्ति कर पिछले वर्षों जितना ही मोटे तौर पर रहेगा।
निगम ने कहा है कि जहां तक गैर आवासीय संपत्तियों की बात है, दिल्ली नगर निगम ने संपत्ति कर की दरें नही बढ़ाई हैं, बल्कि एफ, जी तथा एच श्रेणी की कॉलोनियों के लिए संपत्ति कर की दर 20 प्रतिशत से घटा कर 15 प्रतिशत कर दी गई है। इसके अलावा पूर्वी दिल्ली के कुछ श्रेणी की संपत्तियों के उपयोगिता घटक में कमी की गई है, जिससे कि संपत्ति कर की दरों में एकरूपता आ सके। इसकी वजह से पूर्वी दिल्ली में संपत्ति कर की दरों में कमी की गई है। पूर्ववर्ती निगमों की औद्योगिक संपतियों के लिए संपत्ति कर की दरों को युक्तिसंगत बनाया गया है, लेकिन इसकी वजह से कर की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
नगर निगम ने कहा है कि निम्न श्रेणी के इलाकों में शॉपिंग मॉल में स्थित छोटी दुकानों का संपत्ति कर पहले के मुकाबले घटा है।पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों का पुनवर्गीकरण उन्हें बाकी इलाकों के साथ युक्तिसंगत करते हुए निम्न श्रेणी में रखा गया है। निगम के अनुसार, पूर्ववर्ती पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 1500 वर्गफुट से अधिक क्षेत्रफल वाली सभी गैर रिहायशी संपत्तियों को ए श्रेणी में रखा जाता था, उनका उपयोगिता घटक 6 एवं संपत्ति कर की दर 20 प्रतिशत लगाई गई है, जिसे एकरूपी कर नीति में वापस ले लिया गया है।