दिल्‍ली सरकार ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए उठाया बड़ा कदम, 'पटाखे नहीं, दिया जलाओ' कैंपेन लॉन्‍च किया

देश की राजधानी में एक तरफ ठंड ने दस्‍तक दे दी है, तो दूसरी तरफ वायु प्रदूषण भी ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच रहा है.

Update: 2021-10-28 03:10 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश की राजधानी में एक तरफ ठंड ने दस्‍तक दे दी है, तो दूसरी तरफ वायु प्रदूषण भी 'खराब' श्रेणी में पहुंच रहा है. इस बीच दिल्‍ली सरकार ने प्रदूषण (Delhi Air Pollution) पर लगाम लगाने के लिए पटाखों पर न सिर्फ बैन लगा रखा है बल्कि 27 अक्टूबर से 'पटाखे नहीं दिया जलाओ' (Patake Nahi, Diya Jalao) अभियान शुरू कर दिया है. दिल्‍ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक, लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने और पटाखों की खरीद-बिक्री की निगरानी के लिए जिला स्तर पर 157 सदस्यों वाली 15 टीम बनाई गयी हैं. बता दें कि दिवाली (Diwali 2021) के आसपास राजधानी में वायु प्रदूषण की वजह से सबसे अधिक परेशानी होती है.

दरअसल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने 15 सितंबर को पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए कहा था कि यह 'जीवन बचाने के लिए आवश्यक' है. इसके बाद 28 सितंबर को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने एक जनवरी, 2022 तक राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री और इन्हें जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया. राय ने कहा, 'इस साल पटाखों की बिक्री के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है और प्रतिबंध के बावजूद, हमें पटाखों की बिक्री और खरीद के बारे में सूचनाएं मिल रही है.'
गोपाल राय ने कहा कि पटाखे जलाते हुए पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता के संबंधित प्रावधानों और विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि शहर में ऐसे आठ मामले पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं.
सरकार का कहना था कि यह फैसला लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए लिया गया है. वहीं, दूसरी और पटाखा व्‍यापारियों में गुस्‍सा है. उनका कहना है कि इसके लिए एडवांस पहले दिसंबर जनवरी में दे देते हैं और त्‍यौहार में कमाई कर पूरे साल घर का खर्च चलाते हैं. अगर बंद करना है तो पटाखों का प्रोडक्‍शन बंद करना चाहिए. हालांकि आसपास के राज्‍यों से जलने वाली पराली से भी दिल्‍ली में प्रदूषण का स्‍तर बढ़ जाता है.
एक स्‍थाई लाइसेंस से और दूसरा अस्‍थाई लाइसेंस से होता है
दिल्‍ली-एनसीआर में पटाखों की सबसे बड़ी मार्केट सदर बाजार है. यहीं से आसपास के सभी शहरों में पटाखे जाते थे. दिल्‍ली में लगातार एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स खराब होने की वजह से केजरीवाल सरकार ने 2016 से पटाखों की बिक्री, उपयोग और स्‍टोर पर प्रतिबंध लगा रखा है. इस वर्ष भी दिल्‍ली सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. सदर बाजार में पटाखों के व्‍यापारियों में खासी नाराजगी है. इस संबंध में सदर बाजार फायर वर्क्‍स ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्‍यक्ष नरेन्‍द्र गुप्‍ता बताते हैं कि पटाखों का काम व्‍यापारी दो तरह से करते हैं, एक स्‍थाई लाइसेंस से और दूसरा अस्‍थाई लाइसेंस से होता है.


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