NEW DELHI नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को राजधानी में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान की शुरुआत की। शहर के आईटीओ चौराहे से शुरू हुए इस अभियान में स्वयंसेवकों ने “युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध” जैसे संदेश वाली तख्तियां थाम रखी थीं और नागरिकों से आग्रह किया कि वे उत्सर्जन को कम करने के लिए रेड लाइट पर इंतजार करते समय अपने वाहनों के इंजन बंद कर दें। उन्होंने दावा किया कि पंजाब ने पराली जलाने में कमी की है, लेकिन हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है और वहां घटनाएं जारी हैं, जिससे दिल्लीवासियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में दिल्लीवासियों और संबंधित विभागों की कड़ी मेहनत के कारण प्रदूषण के स्तर में लगभग 34.6 प्रतिशत की कमी आई है।” राय ने कहा, “मैं उत्तर प्रदेश और हरियाणा की भाजपा नीत सरकारों से अनुरोध करता हूं कि वे प्रदूषण को नियंत्रित करने और पराली जलाने में कमी लाने के लिए अपने प्रयासों को तेज करें।” वायु प्रदूषण में डीजल वाहनों के योगदान का जिक्र करते हुए उन्होंने भाजपा से अधिक सहयोग का आह्वान किया और पार्टी से “हमारे साथ काम करने और दिल्ली के लोगों से राजनीतिक बदला न लेने” का आग्रह किया। राय ने कहा कि दिल्ली में सभी बसें सीएनजी से चलती हैं, लेकिन आनंद विहार बस अड्डे पर उत्तर प्रदेश सरकार की बसें हैं जो सीएनजी से नहीं चलती हैं। मंत्री ने कहा कि दिल्ली के प्रयासों के बावजूद, 1,000 से अधिक डीजल बसें शहर में वायु प्रदूषण में योगदान देती हैं। गोपाल राय के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “दिल्ली के मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री आनंद विहार में बढ़ते प्रदूषण के लिए उत्तर प्रदेश की बसों को जिम्मेदार ठहराते हैं, जबकि वे बसें दिल्ली में प्रवेश नहीं करती हैं।” उन्होंने कहा कि दिल्ली की सड़कें प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान देती हैं।