दिल्ली सरकार ने पेड़ों की कटाई और प्रत्यारोपण के लिए दी मंजूरी

Update: 2022-10-27 06:24 GMT

दिल्ली न्यूज़: पेड़ों की कटाई और प्रत्यारोपण के लिए दिल्ली सरकार की मंजूरी मिलने से मेट्रो फेज-4 की राह आसान हो गई है। करीब 65 किलोमीटर के दायरे में निर्माणाधीन तीनों कॉरिडोर पर करीब 30 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। केजरीवाल सरकार की तरफ से 316 पेड़ों को हटाने की इजाजत मिलते ही नेटवर्क विस्तार की राह की अचड़नें दूर हो गई हैं। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के मुताबिक पर्यावरण संरक्षण के लिए नियम और शर्तों का सख्ती से पालन किया जाएगा। दिल्लीवासियों की सहूलियत के लिए मेट्रो फेज-4 के पहले कॉरिडोर पर मेट्रो परिचालन शुरू होने से दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 400 किलोमीटर से अधिक लंबा हो जाएगा।

29 किमी के दायरे में चल रहा निर्माण कार्य: पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार ने पेड़ों को हटाने की इजाजत दी थी। आरके आश्रम-जनकपुरी पश्चिम कॉरिडोर के करीब 29 किलोमीटर के दायरे में निर्माण चल रहा है। मंजूरी मिलने के बाद तीनों कॉरिडोर पर मेट्रो के नेटवर्क विस्तार को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद की जा रही है। मेट्रो फेज-4 के दूसरे कॉरिडोर पर मौजपुर-मजलिस पार्क के बीच 12.55 किलोमीटर के दायरे में 27 फीसदी से अधिक निर्माण हो चुका है। जनकपुरी (पश्चिम)-आरके आश्रम के बीच सर्वाधिक 32 फीसदी से अधिक जबकि 23.62 किमी लंबे तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर पर निर्माण की रफ्तार कम है। मेट्रो के निर्माण में तेजी से यात्रियों को नजदीकी स्टेशनों से दिल्ली के अलग अलग कोने तक पहुंचना आसान हो जाएगा। फिलहाल दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क करीब 392 किलोमीटर का है। पहले कॉरिडोर पर मेट्रो सेवाएं शुरू होने से दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 400 किलोमीटर से अधिक लंबा हो जाएगा।

निर्माण में आएगी तेजी, पर्यावरण का रखा जाएगा ध्यान: डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन) अनुज दयाल के मुताबिक फेज-4 के कॉरिडोर के लिए पेड़ काटने के लिए धीरे-धीरे अनुमति मिल रही है। इससे तीनों कॉरिडोर पर निर्माण में तेजी आएगी। निर्माण कार्य के दौरान पर्यावरण का पूरा ध्यान रखा जाएगा। सभी नियमों और दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा।

पेड़ों के हटाने के लिए इन शर्तों का करना होगा पालन:

अगर पेड़ों पर पक्षियों का घोंसला है तो उनके विस्थापित होने तक नहीं हटाए जा सकेंगे पेड़

टहनियों को हटाने के बाद टहनियों को नजदीकी श्मशान तक होगा पहुंचाना

अगर कोई प्रत्यारोपित पेड़ जीवित नहीं है तो उसके एवज में लगाने होंगे 15 फीट लंबे देसी प्रजाति के 5 पेड़

पेड़ों को हटाने के एवज में लगाने होंगे 10 गुना अधिक पौधे

जलवायु के अनुकूल नीम, पिलखन, अर्जुन, पीपल, बरगद और अमलतास के पेड़ लगाए जाएंगे

58 फीसदी से अधिक पेड़ किए जाएंगे ट्रांसप्लांट

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