नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली की एक अदालत ने जबरन वसूली के एक मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को पुलिस रिमांड खत्म होने पर बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले 11 जून को साकेत कोर्ट ने बिश्नोई को तीन दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा था। दिल्ली पुलिस के आवेदन पर साकेत ड्यूटी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने लॉरेंस बिश्नोई को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इससे पहले गैंगस्टर का रिमांड मांगते हुए दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अदालत से कहा था कि उन्होंने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। जिससे उन्हें अन्य आरोपियों के साथ आमने-सामने पूछताछ करने की जरुरत है। लॉरेंस बिश्नोई को गुजरात के गांधीनगर लेकर जाने की भी जरूरत है।
अदालत ने कहा कि उसके सामने प्रस्तुत किया गया है कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का आरोपी अक्षय के साथ आपराधिक सांठगांठ का पता करना है। एक अन्य आरोपी कपिल के बारे में भी जानकारी इकट्ठी करनी है। ये भी पता करना है कि कैसे लॉरेंस बिश्नोई जेल में होने के बावजूद आरोपी को निर्देश देता था।
इससे पहले 9 जून को लॉरेंस ने अपने वकील के जरिए विशेष एनआईए अदालत के सामने एक आवेदन दायर किया था। जिसमें अदालत से उसे मंडोली जेल में बंद नहीं करने की गुहार लगाई गई थी। उसने खुद को बठिंडा जेल में भेजने की मांग की थी।
लॉरेंस ने अपनी याचिका में जिक्र किया था कि अगर उसे वापस मंडोली जेल में बंद किया जाता है तो उस पर हमले की संभावना है। क्योंकि, उसके प्रतिद्वंदी भी उसी जेल में बंद हैं। जिससे गैंगवार और हिंसा का खतरा है।
लॉरेंस बिश्नोई के वकील ने बताया कि अदालत ने सुनिश्चित किया है कि क्राइम ब्रांच की तीन दिन की हिरासत पूरी होने के बाद दिल्ली पुलिस की कड़ी सुरक्षा में गैंगस्टर को बठिंडा जेल में शिफ्ट किया जाएगा।
--आईएएनएस