DELHI : अदालत ने समधन से बलात्कार करने के आरोपी को अग्रिम जमानत प्रदान की
Delhi दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने अपनी समधन से बलात्कार करने के आरोपी एक व्यक्ति को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी। अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत के लिए जमानत देने में स्वविवेक के इस्तेमाल का यह एक उचित मामला है। दरअसल, आरोपी व्यक्ति के खिलाफ उसकी बेटी की सास ने बलात्कार के आरोप लगाए थे। अग्रिम जमानत याचिक पर सुनवाई के दौरान उस व्यक्ति ने स्पेशल जज धीरेंद्र राणा की अदालत को बताया कि उसकी बेटी और शिकायतकर्ता महिला के बेटे के बीच वैवाहिक विवाद चल रहा है। शिकायतकर्ता एक कुशल डॉक्टर है और उसका एक बेटा वकील है। यह मामला अप्रैल का है जब आरोपी व्यक्ति के खिलाफ स्वेच्छा से चोट पहुंचाने, धमकी देने और गलत तरीके से रोकने के आरोप में FIR दर्ज की गई थी। हालांकि, बाद में मई महीने में FIRमें बलात्कार के अपराध के लिए आईपीसी की धारा 376 को भी जोड़ दिया गया।
जांच में सहयोग करने का किया वादा
आरोपी व्यक्ति ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता महिला द्वारा उस पर और उसकी बेटी पर वैवाहिक विवाद सुलझाने को दबाव डालने के लिए बाद में बलात्कार का आरोप लगाया गया है।आरोपी के वकील ने कहा कि वह तीन मौकों पर जांच में शामिल हुआ और जब भी जरूरत होगी, वह इसमें शामिल होने के लिए तैयार है। "आरोपी को गिरफ्तार करने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा क्योंकि उसके पास से कुछ भी बरामद नहीं किया जाना है"।
अप्रैल में दर्ज कराई एफआईआर में यौन उत्पीड़न का उल्लेख नहीं था
अदालत ने इस बात पर ध्यान दिया कि APRIL में दर्ज की गई एफआईआर में यौन उत्पीड़न का कोई उल्लेख नहीं था। उसकी मेडिकल जांच की गई और उसने यौन उत्पीड़न के बारे में डॉक्टर के सामने एक भी शब्द नहीं कहा। यह संदर्भ से बाहर नहीं है कि शिकायतकर्ता एक कुशल डॉक्टर है और उसे यौन उत्पीड़न के तथ्य का उल्लेख सबसे पहले उपलब्ध अवसर पर करना चाहिए था क्योंकि यह इतना महत्वपूर्ण कार्य है कि इसे शिकायत में नहीं छोड़ा जाना चाहिए था। अदालत ने आरोपी को कुछ शर्तों के साथ जमानत देते हुए कहा कि आरोपी किसी अन्य मामले में शामिल नहीं था, उसके फरार होने का भी खतरा नहीं था। वह तीन मौकों पर जांच में शामिल हुआ था और घटना के बाद उससे किसी तरह का खतरा नहीं था। इसके अलावा, वह दिल्ली का स्थायी निवासी है और उसके पास से कुछ भी बरामद नहीं किया जाना है।