NCR Ghaziabad: वसुंधरा के एक कारोबारी से शेयर ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर ठगे 80.50 लाख

"साइबर ठगों ने आईपीओ अलॉटमेंट होने के नाम पर 1.41 करोड़ रुपये जमा करने का दबाव डाला"

Update: 2025-02-06 07:50 GMT

गाजियाबाद: ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों ने वसुंधरा के एक कारोबारी से शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने का झांसा देकर 80.50 लाख रुपये ठग लिए। शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने वाली नामचीन कंपनी का नकली मोबाइल एप बनाकर कारोबारी श्याम सिंह (50) से साइबर अपराधियों ने ठगी की। साइबर ठगों ने आईपीओ अलॉटमेंट होने के नाम पर 1.41 करोड़ रुपये जमा करने का दबाव डाला। गनीमत रही कि कारोबारी ने एप के प्रमाणित होने की जानकारी यूपीस्टॉक कंपनी को ईमेल करके मांगी। जहां से अगले दिन जवाब आया कि उनकी कंपनी का एप नहीं है और डुप्लीकेट एप बनाकर साइबर ठग लोगों से ठगी कर रहे हैं। इसके बाद पीड़ित ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

ट्रांस हिंडन इंद्रापुरम के सैक्टर नौ वसुंधरा में रहने वाले श्याम सिंह (51) ने बताया कि 24 दिसंबर को उनके पास पल्लवी नाम की महिला का कॉल आया। पल्लवी ने खुद को यूपीस्टॉक शेयर स्टॉक ट्रेडिंग कंपनी का प्रतिनिधि बताया। 24 दिसंबर को उनसे एक मोबाइल एप इंस्टाल कराया और 200 से अधिक वाले लोगों के ग्रुप से जोड़ा गया। शेयर मार्केट में निवेश के लिए प्रशिक्षण भी दिलाया गया। बताया कि नौ से 22 जनवरी तक 80.50 लाख रुपये शेयर ट्रेडिंग में निवेश किए। इस बीच एक लाख रुपये डी-मैट खाते से निकाले। बताया कि शेयर ट्रेडिंग ग्रुप पर 16 जनवरी को मैसेज आया कि स्टेलियन इंडिया का आईपीओ लॉन्च होने वाला है। इसमें बड़ा बजट निवेश करना होगा और कम से कम 50 लाख रुपये फिक्स हैं। 21 जनवरी को साइबर ठगों ने श्याम सिंह को कॉल किया कि उनके 2.98 लाख आईपीओ जिनकी वैल्यू प्रत्येक आईपीओ 85 रुपये है। इसकी ट्रेडिंग वैल्यू 2.53 करोड़ है। इसमें भाग लेने के लिए 1.41 करोड़ रुपये जमा करने होंगे। श्याम सिंह को अलॉट किए गए वैल्यू की डिटेल भी ऑनलाइन भेजी गई।

ठगी की पुष्टि होने पर भी किया निवेश: एक करोड़ 41 लाख 45 हजार रुपये जमा करने के लिए साइबर ठगों ने श्याम सिंह पर दबाव बनाया। बेवजह दबाव बनाने पर उन्हें शक हुआ और उन्होंने यूपीस्टॉक कंपनी को ईमेल किया और यूपी स्टॉक वेल्थ मैनेजमेंट के यूपी इंस्टीट्यूशन शेयर ट्रेडिंग मोबाइल एप के प्रमाणित होने की जानकारी मांगी। कंपनी ने ईमेल का जवाब 22 जनवरी को दिया कि मोबाइल एप उनकी कंपनी का नहीं है। अन्य कई लोगों की भी शिकायत आई हैं, बताया कि साइबर ठग उनसे ठगी कर रहे हैं, वह सावधान रहें। ठगी की पुष्टि होने के बावजूद पीड़ित ने साइबर ठगों के दबाव में 22 जनवरी को भी 3.50 लाख रुपये उनके बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए और वैल्यू के अनुसार ही आईपीओ अलॉट करने की बात कही। साइबर ठगों ने इससे इन्कार कर दिया और धनराशि भी वापस नहीं की। इसके बाद पीड़ित ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

वसुंधरा के पीड़ित से करीब 80 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई है। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, जांच कर कार्रवाई की जाएगी। लोगों को साइबर ठगों से सचेत होना होगा। साइबर दोस्त एप मोबाइल पर डाउनलोड करके साइबर ठगों के जाल से सचेत हो सकते हैं।

-सच्चिदानंद, एडीसीपी अपराध

शेयर ट्रेडिंग में ये बरतें सावधानी

-ऐप और वेबसाइट के माध्यम से निवेश करते समय, जांच लें कि वे असली हैं या नकली।

-असली शेयर निवेश ऐप सेबी द्वारा लाइसेंस प्राप्त हैं। एनबीएफसी आरबीआई द्वारा लाइसेंस प्राप्त हैं।

-ऐसी फाइलें डाउनलोड न करें जो आधिकारिक ऐप स्टोर में सूचीबद्ध न हों।

-ऐसे मैसेज पर विश्वास न करें जो उच्च रिटर्न का वादा करते हैं।

-अपना पासवर्ड और ओटीपी किसी को न बताएं या साझा न करें।

-पासवर्ड नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए।

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