Delhi: BJP ने दिल्ली जल बोर्ड में 73,000 करोड़ के घाटे पर आम आदमी पार्टी से मांगा जवाब

दिल्ली में जल वितरण का नेटवर्क बुरी तरह से हैं प्रभावित

Update: 2024-06-14 03:10 GMT

दिल्ली: दिल्ली के कई इलाकों में व्याप्त जल संकट के बीच प्रदेश भाजपा ने आरोप लगाया कि जो दिल्ली जल बोर्ड कभी 600 करोड़ का मुनाफा देता था, वो आज 73,000 करोड़ के घाटे में कैसे चला गया। इसका जवाब दिल्ली सरकार को देना होगा। दिल्ली में जल वितरण का नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हो चुका है। Infrastructure Pipeline Water Storage System सब चरमरा रहा है, खस्ताहाल है, जो लगभग 52 प्रतिशत पानी को बर्बाद कर रहा है। पाइपों की मरम्मत करानी चाहिए लेकिन इस सरकार ने मुफ्त में पानी देने का वादा कर जनता के साथ जो छल किया वो पीड़ादायक है।

यहां गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि दिल्ली में जल संकट नहीं है। असल में Delhi में एक ओर जल वितरण के लिए समर एक्शन प्लान का अभाव है और दूसरी ओर सरकार वॉटर लीकेज से होने वाली बर्बादी को रोकने में असमर्थ रही है। बांसुरी स्वराज ने कहा की भाजपा लगातार कहती रही है कि दिल्ली को सभी स्रोतों से एग्रीमेंट के अनुसार पूरा पानी मिल रहा है। यदि किसी भी कारण से सरकार को दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी चाहिए तो उसे या आपसी बातचीत से पड़ोसी राज्यों से लेना होगा या फिर यमुना नदी बोर्ड से मांगना होगा।

बांसुरी स्वराज ने कहा कि दिल्ली की जल चोरी एवं बर्बादी रोकने में असफल Kejriwal Government ने खुद की गलतियों का ठीकरा पड़ोसी राज्यों पर फोड़ने का प्रयास किया और मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी ले गई। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी एक ओर लगातार कहती रहीं की हिमाचल प्रदेश हमें अतिरिक्त जल देना चाहता है और दूसरी ओर हरियाणा पर पूरा जल नहीं देने का आरोप लगाती रहीं।

MP Bansuri Swaraj ने बताया कि आज केजरीवाल सरकार और उसकी मंत्री आतिशी की पोल पूरी तरह खुल गई जब सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा हमारे पास कोई अतिरिक्त जल नहीं है। Haryana ने भी कोर्ट को संतुष्ट किया कि वह पूरा जल दिल्ली को दे रहा है। हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा राज्यों के तर्क सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई की आखिर क्यों वह 2019 से हर गर्मी में सुप्रीम कोर्ट आती है। जल आवंटन समस्या का समाधान तो पड़ोसी राज्यों से बातचीत अथवा यमुना जल बोर्ड से बात करने से ही निकल सकता है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह कहना कि अगर दिल्ली सरकार टैंकर चोरी नहीं रोक सकती तो हम इसे Delhi Police को सौंप देते हैं, यह केजरीवाल सरकार पर तमाचा है। कोर्ट ने तुरंत यमुना जल बोर्ड जाने के निर्देश के साथ दिल्ली सरकार की याचिका का निपटारा कर दिया। बांसुरी स्वराज ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आतिशी एवं पूरी केजरीवाल सरकार की ओछी राजनीति की पोल खुल गई है। स्वराज ने कहा कि अब यह स्पष्ट है कि मंत्री आतिशी केवल ओछी राजनीति करती रही हैं।

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