रक्षा मंत्रालय: MIG-21 लड़ाकू विमान से वायुसेना को आधुनिक बनाने के लिए किया गया शामिल

तेजस विमान (Tejas Plane) को MIG-21 लड़ाकू विमान (MIG-21 fighter aircraft) के स्थान पर नहीं, बल्कि इसे भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के आधुनिकीकरण के एक हिस्से के रूप में शामिल किया जा रहा है

Update: 2021-12-20 17:50 GMT

तेजस विमान (Tejas Plane) को MIG-21 लड़ाकू विमान (MIG-21 fighter aircraft) के स्थान पर नहीं, बल्कि इसे भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के आधुनिकीकरण के एक हिस्से के रूप में शामिल किया जा रहा है. रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आज राज्यसभा में बृजलाल को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, 'तेजस को MIG-21 लड़ाकू विमान के रिप्लेसमेंट के रूप में नहीं, बल्कि IAF के आधुनिकीकरण के एक हिस्से के रूप में शामिल किया जा रहा है.'

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट (Ajay Bhatt) ने कहा, '30 सितंबर, 2021 तक डिलीवर किए गए हल्के लड़ाकू विमान तेजस पर अब तक 6,653 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. IAF द्वारा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ कॉन्ट्रैक्ट को ध्यान में रखते हुए, कुल 123 तेजस लड़ाकू विमानों का निर्माण किया जाना है. तेजस विमानों के आगे का उत्पादन भारतीय रक्षा सेवाओं और ग्राहकों को निर्यात की आवश्यकता पर निर्भर करता है.' संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Parliament ) 29 नवंबर, 2021 को शुरू हुआ था और 23 दिसंबर 2021 तक जारी रहने की संभावना है.
वहीं, 24 तेजस लड़ाकू विमानों के बनाने में कुल 6653 करोड़ का खर्च आया है. ऐसे में एक तेजस विमान की कीमत करीब 277 करोड़ आती है. गौरतलब है कि भारत ने फ्रांस ‌से 36 रफाल लड़ाकू विमान कुल 59 हजार करोड़ रूपये में खरीदे हैं. ऐसे में एक रफाल की कीमत करीब 1638 करोड़ आती है.

HAL का हवाई इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की आपूर्ति के लिए बीईएल के साथ अनुबंध
इससे पहले, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने एलसीए तेजस एमके1ए लड़ाकू विमान के हवाई इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के निर्माण एवं आपूर्ति के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) के साथ 2,400 करोड़ रुपये का अनुबंध किया. बीईएल ने पिछले हफ्ते एक बयान में कहा कि 2023 से 2028 तक पांच वर्षों के अनुबंध में डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर, एयर डेटा कंप्यूटर, हथियार कंप्यूटर की आपूर्ति शामिल है.

इसके अलावा इस अनुबंध के तहत बीईएल द्वारा रडार चेतावनी रिसीवर (आरडब्ल्यूआर) से संबंधित एलआरयू से संबंधित महत्वपूर्ण एवियोनिक लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स (एलआरयू) और हेड अप डिस्प्ले की भी आपूर्ति की जायेगी. HAL के अनुसार यह अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है जो कंपनी ने 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को बढ़ावा देने वाली किसी भी भारतीय कंपनी को दिया है.


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