रोडोटुरुला संक्रमण और सीएमवी मेनिंजाइटिस से पीड़ित दुनिया का पहला मरीज मिलने का दावा
नोएडा न्यूज़: शहर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने रोडोटुरुला संक्रमण और सीएमवी मेनिंजाइटिस से पीड़ित दुनिया का पहला मरीज मिलने का दावा किया है. यीस्ट के संक्रमण से जुड़ी यह बीमारी एक नवजात में पाई गई. इलाज के बाद यह बच्चा अब स्वस्थ है.
फोर्टिस अस्पताल के शिशु रोग विभाग के प्रमुख डॉ. आशुतोष सिन्हा ने बताया कि 19 जनवरी को परिजन दो माह के एक बच्चे का इलाज कराने के लिए अस्पताल आए थे. वो मथुरा के रहने वाले हैं. नवजात में बुखार, चिड़चिड़ापन, शरीर में असामान्य हरकत जैसी परेशानियां दिखीं. उसे रोज तीन से चार बार बुखार आ रहा था. एमआरआई, सीएसएफ (सेरीब्रोस्पाइनल फ्लूड), बायोफायर समेत कई प्रकार की मेडिकल जांच की गई, जिसमें दुर्लभ संक्रमण के बारे में पता चला. डॉ. आशुतोष सिन्हा ने बताया कि स्वास्थ्य से जुड़े दुनियाभर के प्रकाशित जनरल और विभिन्न वेबसाइट में इस बीमारी से पीड़ित एक भी मरीज नहीं मिला. अस्पताल प्रबंधन शिशु के इलाज, जांच आदि की रिपोर्ट स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न जनरल में प्रकाशित करने के लिए भेजेगा.
नवजात अब पूरी तरह स्वस्थ नवजात का अस्पताल में लंबा इलाज चला. स्वस्थ होने के बाद उसे 21 मार्च को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. इसके बाद मरीज को फॉलोअप पर रखा गया. वह अब पूरी तरह स्वस्थ है. डॉक्टरों की टीम में शामिल डॉ. शुभम गर्ग ने बताया कि बच्चे की उम्र काफी कम होने के कारण इलाज काफी जटिल रहा.
इस बीमारी में जान भी जा सकती है
रोडोटुरुला ईस्ट की प्रजाति है. वहीं, सीएमवी यानी साइटोमेगलो एक वायरस है. इस वायरस के कारण मस्तिष्क की सतह में संक्रमण और सूजन हो जाती है. सीएमवी मेनिंजाइटिस में पहली बार रोडोटुरुला प्रजाति का यीस्ट मिला. यह संक्रमण आम तौर पर कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले और एचआईवी रोगियों या कीमोथेरेपी कराने वालों में होता है और इसमें जान भी जा सकती है. कुछ नवजात में स्तनपान से यह संक्रमण हो सकता है.
बाल चिकित्सालय में फोस्फोग्लाइसिरेट डिहाइड्रोजिनस का पहला मरीज मिला
बाल चिकित्सालय में भी दो महीने पहले दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी फोस्फोग्लाइसिरेट डिहाइड्रोजिनस का मरीज मिला था. इस बीमारी से पीड़ित यह देश का पहला पंजीकृत मरीज बताया जा रहा है.