अमित शाह ने दिल्ली में तटीय सुरक्षा के विषय पर गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की

गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की

Update: 2021-10-28 10:24 GMT

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नेगुरुवार को राजधानी दिल्ली में तटीय सुरक्षा के विषय पर गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में कई मंत्रियों के साथ ही इंडियन कोस्ट गार्ड के कई बड़े अधिकारी मौजदू रहे. कुछ दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि वर्तमान समय में ''अनिश्चितताओं और उथल-पुथल''को देखते हुए भारत को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि लगातार बदल रहे क्षेत्रीय परिदृश्य के कारण हर वक्त चौकन्ना रहने की जरूरत है और दुनिया में हो रहे बदलावों से भारतीय अछूते नहीं रह सकते हैं.

स्वदेश निर्मित तटरक्षक पोत को राष्ट्र को सौंपने के बाद उन्होंने हिंद महासागर की चुनौतियों का जिक्र किया. इस क्षेत्र में भारत और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता बढ़ रही है. रक्षा मंत्री ने कहा कि दुनिया में हो रहे बदलाव हमारे लिए अक्सर चिंता की बात हो जाते हैं. एक देश के रूप में हमें दुनिया के इन अनिश्चित एवं उथल-पुथल वाले माहौल में हमेशा तैयारियां पूरी रखनी चाहिए.

राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया आज काफी तेजी से बदल रही है. देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और व्यावसायिक संबंधों में तेजी से बदलाव आ रहे हैं. दूसरे देश से आने वाली अगली खबर के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमारा देश इन बदलावों से अछूता नहीं रह सकता. ये हम जैसे देशों पर ज्यादा लागू होता है, हमारे हित हिंद महसागार से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं.
हिंद महासागर में चीन की सेना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारतीय नौसेना अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है. राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में दुनिया के दो तिहाई से अधिक तेल का परिवहन होता है, एक-तिहाई सामान की ढुलाई होती है और आधा से ज्यादा कंटेनर परिवहन होता है जो दुनिया के हितों के लिए महत्वपूर्ण मार्ग है. उन्होंने कहा कि जैसा कि मैंने कहा कि आज की बदलती दुनिया में इस क्षेत्रों में भी निश्चित तौर पर असर होगा. हमें हर वक्त सतर्क रहना होगा.
राजनाथ सिंह ने कहा कि वैश्विक सुरक्षा कारणों, सीमा विवादों और समुद्री सीमा पर दबाव के चलते दुनिया के देश अपनी सैन्य शक्ति का आधुनिकीकरण कर रहे हैं और उसे मजबूत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सैन्य उपकरणों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और रिपोर्ट के मुताबिक अगले एक या दो वर्षों में दुनिया भर में सुरक्षा पर खर्च 2.1 हजार अरब डॉलर तक बढ़ जाएगा और अगले पांच वर्षों में इसके कई गुना बढ़ने की संभावना है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि इस तरह की स्थिति में हमें अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने, नीतियों का लाभ उठाने और देश को स्वदेशी पोत निर्माण का केंद्र बनाने का लाभ उठाने का अवसर है. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल ने तटीय सुरक्षा के साथ ही समु्द्री संकट एवं आपदा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.
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