नई दिल्ली: दिल्ली सरकार से सहायता प्राप्त एक आश्रय गृह से एक ट्रांसजेंडर शख्स को जबरन उठाने और पुलिस द्वारा उसकी पिटाई व उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली एक एक्टिविस्ट का 'लाइवस्ट्रीम' वीडियो (Video) सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है. आपको बता दें कि दिल्ली बेस्ड ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट रुद्राणी छेत्री ने कुल 10 मिनट के इस वीडियो में आरोप लगाया है कि डाबरी थाने के पुलिसकर्मियों ने 'गरिमा गृह' से देर रात उत्तर प्रदेश निवासी एक ट्रांसजेंडर को जबरन उठा लिया.
छेत्री ने कहा, 'उन्होंने बलपूर्वक हमसे गरिमा गृह का द्वार खोलने को कहा और उत्तर प्रदेश निवासी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को उठा लिया. उसके बारे में पूछने वालों को भी पीटा गया. हमारे ब्रिज कोर्स के संयोजक को भी बुरी तरह से पीटा गया. पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया. हम अब भी अस्पताल में हैं. पुलिस ने इसलिए पीटा कि वे ट्रांसजेंडर हैं.'
पुलिस के मुताबिक, रात 12 बजकर 20 मिनट पर उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम गौतम बुद्ध नगर के बदलापुर पुलिस थाने से डाबरी पुलिस थाने आई और गुमशुदगी के एक मामले में उन्होंने मदद मांगी थी. वहीं दिल्ली पुलिस उपायुक्त (द्वारका) एम. हर्षवर्धन ने कहा, 'वे सीतापुरी के गरिमा गृह में गए और फिर गुमशुदगी की शिकायत के कथित पीड़ित व्यक्ति को लेकर चले गए. बाद में छह से सात ट्रांसजेंडर पुलिस थाने में आए और उस व्यक्ति से मिने देने की मांग करने लगे जो उप्र पुलिस के साथ गया था. ये लोग अचानक से आक्रामक हो गये और थाने में मौजूद पुलिस कर्मियों को ड्यूटी करने से रोका. उनमें से कुछ ने अपने कपड़े उतार दिए तो कुछ गालियां बकने लगे. उन्हें हटाने के लिए न्यूनतम बल प्रयोग किया गया.'