दिल्ली में बनेगी पहाड़ी भाषी लोगों को इंसाफ दिलाने की रणनीति, जानिए क्या है मामला
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : पहाड़ी भाषी लोगों के हितों को नजरअंदाज करने के मुद्दे पर नेशनल कांफ्रेंस छोड़ने वाले पूर्व मंत्री मुश्ताक बुखारी यह मुद्दा केंद्र सरकार से उठाने की तैयारी में हैं। अगले सप्ताह दिल्ली में पहाड़ी भाषी लोगों के प्रतिनिधिमंडल की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से बैठक हो सकती है। पहाड़ी भाषी लोगों से इंसाफ के मुद्दे पर नेकां छोड़ने वाले बुखारी का भाजपा में शामिल होना लगभग तय है। मुश्ताक बुखारी ने गत दिनों नेकां छोडऩे पर घोषणा की थी कि पहाड़ी भाषा लोगों के जनजातीय दर्जे के लिए वह भाजपा क्या, आरएसएस में भी शामिल हो सकते हैं। इस दिशा में कार्यवाही से पहले बुखारी ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री से मिलकर पहाड़ी भाषी लोगों का पक्ष रखने के लिए समय मांगा है। ऐसे में प्रदेश भाजपा ने भी पार्टी हाईकमान को अवगत करवा दिया कि प्रदेश की सियासत में पहाड़ी भाषी लोगों के समर्थन की भूमिका कितनी अहम होगी। भाजपा प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने बलबूते पर सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।
जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी भाषी लोगों की संख्या 11 लाख के करीब है। इनमें से अधिकतर जम्मू संभाग के राजौरी-पुंछ, कठुअा जिलों व कश्मीर संभाग के कुपवाड़ा, बारामूला, अनंतनाग जिलों में हैं। बुखारी के भाजपा में आने से पार्टी उन इलाकों में मजबूत होगी यहां पर इसका जनाधार कमजोर है। ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में पहाड़ी वोट प्रदेश की सियासत काे बदलने की ताकत रखता है। जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी वोट का सबसे ज्यादा फायदा नेशनल कांफ्रेंस को मिलता है। नेशनल कांफ्रेंस यहां पहाड़ी वोटों की मदद से सत्ता पर काबिज रही तो वहीं कांग्रेस को मजबूत बनाने में गुज्जर वोट अहम रहा। अब बदल रही जम्मू कश्मीर की सियासत में पहाड़ी भाषी लोगों ने अपनी उम्मीदों की पूर्ति के लिए मोदी सरकार से उम्मीदें लगाई हैं। ऐसे में बुखारी का दिल्ली दौरा अहम होगा। नेकां छोड़ने वाले बुखारी का कहना है कि पहाड़ी लोगों के साथ नेशनल कांफ्रेंस ने धोखा किया है। यह पार्टी पहाड़ी वोटों की मदद से सत्ता में बनी रही , लेकिन बदले में उसने पहाड़ी भाषी लोगों को अनुसूचित दर्जा देने की अपने वायदे को पूरा नही किया। पहाड़ी लोगों को अब मोदी सरकार से उम्मीदें हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री से इस मुद्दे पर बात करने के लिए समय मांगा है। पूरी उम्मीद है कि अगले सप्ताह बैठक हो जाएगी।