11 अप्रैल से शुरू होंगी 9वीं और 11वीं की वार्षिक टर्म-2 की परीक्षा, शिक्षा निदेशालय ने जारी की अधिसूचना

दिल्ली के सरकारी, सहायता प्राप्त व एनडीएमसी स्कूलों में नौवीं व 11वीं की टर्म-2 वार्षिक परीक्षाएं 11 अप्रैल से होंगी।

Update: 2022-03-17 05:14 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली के सरकारी, सहायता प्राप्त व एनडीएमसी स्कूलों में नौवीं व 11वीं की टर्म-2 वार्षिक परीक्षाएं 11 अप्रैल से होंगी। शिक्षा निदेशालय ने परीक्षा तिथियों की घोषणा के साथ-साथ दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। नौवीं की परीक्षा 22 अप्रैल को और ग्यारहवीं की परीक्षाएं 25 अप्रैल को समाप्त होंगी।

नौवीं कक्षा की परीक्षा की शुरुआत सोशल साइंस और 11वीं की परीक्षाएं फिजिक्स और भूगोल के पेपर के साथ होंगी। सुबह की पाली की परीक्षा की समयावधि सुबह 9.30 से 11.30 बजे तक की है। जबकि सांध्यकालीन परीक्षा की दोपहर दो से शाम चार बजे तक चलेगी। पेपर करने के लिए 120 मिनट मिलेंगे। इसके अलावा प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए 15 मिनट का अतिरिक्त समय मिलेगा। प्रश्न पत्र में केस आधारित, लघु व दीर्घ प्रश्न होंगे। प्रश्न पत्र हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू माध्यम में उपलब्ध होंगे।
बीएड करने वाले कर सकेंगे प्राइमरी टीचर के लिए आवेदन
बीएड करने वाले उम्मीदवारों के लिए राहत भरी खबर है। अब वे प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए भी आवेदन कर सकेंगे। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके साथ ही उनकी शैक्षणिक योग्यता में भी बदलाव किया गया है। प्राइमरी शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता 50 फीसदी अंक के साथ स्नातक और बीएड रखा गया है।
इससे पूर्व प्राइमरी शिक्षक के लिए शैक्षणिक योग्यता के रूप में कम से कम 50 फीसदी अंक के साथ सीनियर सेकेंडरी और प्राथमिक शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा या फिर किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम 45 फीसदी अंकों के साथ सीनियर सेकेंडरी और प्राथमिक शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा और प्राथमिक शिक्षा में चार वर्षीय स्नातक या किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ सीनियर सेकेंडरी एवं दो वर्षीय डिप्लोमा किया होना जरूरी था।
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के महासचिव शोएब राणा ने कहा कि अब तक बीएड डिग्री धारक प्राइमरी शिक्षक बनने के योग्य नहीं माने जाते थे। बीएड डिग्री धारक मात्र टीजीटी और पीजीटी शिक्षक बनने के पात्र थे। अब प्राइमरी शिक्षकों के लिए बीएड की योग्यता शामिल होने से बीएड करने वाले शिक्षकों को काफी लाभ होगा।
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