100 किलोवाट का दिल्ली मेट्रो पुल पर लगेगा सौर ऊर्जा संयंत्र, 86 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान

दिल्ली मेट्रो रेल निगम अब मेट्रो के एलिवेटेड कॉरिडोर के वायडक्ट से भी सौर ऊर्जा का उत्पादन करेगी। मे

Update: 2022-05-24 04:17 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली मेट्रो रेल निगम अब मेट्रो के एलिवेटेड कॉरिडोर के वायडक्ट (पुल) से भी सौर ऊर्जा का उत्पादन करेगी। मेट्रो कॉरिडोर के वायडक्ट पर 100 किलोवाट का यह सौर ऊर्जा संयंत्र पायलट योजना के तहत लगाया जा रहा है। वायडक्ट पर यह बाय-फेशियल वर्टिकल (कॉरिडोर के दोनों तरफ सौर ऊर्जा की प्लेट को सीधे खड़ा) लगाया जाएगा।

मेट्रो के मुताबिक, संयंत्र लगाने के लिए निविदा जारी कर दी गई है। यह रेस्को मॉडल पर 25 साल के लिए लगाया जाएगा। इस पर कुल 86 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसका मुख्य उद्देश्य एलिवेटेड मेट्रो कॉरिडोर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है।
मेट्रो के मुताबिक, अध्ययन के बाद मजेंटा लाइन (जनकपुरी पश्चिम-बॉटेनिकल गार्डन) पर पड़ने वाले दो स्टेशन जामिया मिलिया व ओखला विहार के बीच यह संयंत्र लगाया जाएगा। दोनों स्टेशनों के बीच करीब एक किलोमीटर की दूरी है। हालांकि, मेट्रो कॉरिडोर के वायडक्ट पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाना बेहद चुनौती भरा होगा। रोजाना सिर्फ तीन घंटे का समय मिलेगा। बाकी समय में मेट्रो परिचालन के अलावा मरम्मत का काम भी किया जाएगा। यह काम सिर्फ रात में परिचालन बंद होने के बाद ही किया जा सकेगा।
अध्ययन के बाद विस्तार होगा
दिल्ली मेट्रो के मुताबिक, वायडक्ट पर सौर ऊर्जा पैनल लगाने के बाद उसका अध्ययन किया जाएगा। एक बार पायलट इंस्टॉलेशन पूरा करने के बाद यह कितना प्रभावी होता है, इसकी संरचना और मॉड्यूल इंस्टॉलेशन को ट्रेन परिचालन के दौरान उत्पन्न प्राकृतिक हवा के प्रवाह, दबाव, कंपन और हवा के भार को लेकर परीक्षण किया जाएगा। उसके बाद इसे आगे बढ़ाया जाएगा।
दिल्ली मेट्रो सौर ऊर्जा उत्पादन में सबसे आगे
दिल्ली मेट्रो सौर ऊर्जा संयंत्र उत्पादन भी सबसे आगे है। वर्तमान में दिल्ली मेट्रो 47 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रही है। अभी तक मेट्रो स्टेशनों, मेट्रो डिपो व अपनी इमारतों की छतों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाकर ही इसका उत्पादन करती है। मेट्रो इसके अलावा 100 मेगावाट सौर ऊर्जा रीवा, मध्य प्रदेश में एक सौर ऊर्जा संयंत्र से खरीदता है। मेट्रो का मानना है कि अगर योजना सफल रही तो इस डिजाइन को मान्य करने में मदद मिलेगी।
यह भी जानें
● 86 लाख रुपये का खर्च आएगा।
● 02 स्टेशनों के बीच लगाया जाएगा।
● 25 साल के लिए रेस्को मॉडल पर लगाया जाएगा।
● 47 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन मेट्रो करती है।

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