गाजियाबाद में प्रॉपर्टी खरीदना होगा महंगा, छह साल बाद प्रशासन ने 22 फीसदी तक बढ़ाए सर्किल रेट
गाजियाबाद जिले में अब नई संपत्ति खरीदना महंगा होने वाला है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गाजियाबाद जिले में अब नई संपत्ति खरीदना महंगा होने वाला है। छह साल के बाद जिला प्रशासन ने गुरुवार को नए सर्किल दर जारी किए। इससे रजिस्ट्री की दर आठ से लेकर 22 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है। नए सर्किल रेट पर तीन अगस्त से आम लोगों से आपत्ति मांगी गई है। आपत्तियों के निस्तारण के बाद आठ अगस्त से नए सर्किल रेट से ही संपत्तियों की रजिस्ट्री होगी।
उम्मीद जताई जा रही है कि नई दरों के लागू होने से पहले जिले में एक सप्ताह तक संपत्तियों की रजिस्ट्री बढ़ सकती है। एडीएम वित्त एवं राजस्व विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि सभी तहसीलों में संपत्तियों का सर्वे कराया गया था। सभी सर्किल के सब रजिस्ट्रार के माध्यम से सूची तैयार की गई है। छह साल बाद जिले में सर्किल रेट में बदलाव किया गया है। एडीएम वित्त ने बताया कि नई सर्किल रेट में जमीन, मकान, दुकान पर स्टांप मूल्य का निर्धारण बाजार भाव के आधार पर किया गया है।
इसके लिए उन क्षेत्रों में हुए बैनामों से कीमत का सत्यापन कराया गया है। 2017 के बाद नई बनीं सड़कें, कॉलोनियां व मार्केट के लिए भी सर्किल रेट तय किए गए हैं। नए सर्किल रेट के पूरे ड्राफ्ट को जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजा गया था। शासन से मंजूरी मिलने के बाद गुरुवार को नए सर्किल रेट की सूची जारी की गई है।
प्रस्तावित सर्किल रेट पर जिन लोगों को आपत्ति है, वे अगले सात दिन में अपनी आपत्ति दाखिल कर सकते हैं। सभी आपत्तियों की सुनवाई सात दिन के बाद कमेटी द्वारा की जाएगी। प्रस्तावित सर्किल रेट की दर को लागू करने से पहले किसानों के साथ बैठक की जाएगी। इसके बाद सर्किल की नई दर को लागू कर दिया जाएगा।
एडीएम वित्त विवेक कुमार श्रीवास्तव ने कहा, 'नए सर्किल रेट का प्रकाशन कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति नए सर्किल रेट की जानकारी सभी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय या फिर कलेक्ट्रेट स्थित कमरा नंबर 120 में आपत्ति भी दर्ज करा सकता है। आपत्तियों की सुनवाई के लिए बैठक बुलाई जाएगी। उसके बाद आठ अगस्त से नई दरें लागू कर दी जाएंगी।'
तीन श्रेणियों में हैं सर्किल रेट
जनपद आठ सर्किलों में बंटा है। इन सर्किल में कॉलोनियों की लोकेशन और आबादी के हिसाब से रेट तय किए जाते हैं। सर्किल रेट तीन श्रेणियों में तय हैं। पहला नौ मीटर चौड़ी रोड के किनारे, दूसरा नौ मीटर से 18 मीटर चौड़ी रोड के किनारे और तीसरा 18 मीटर से अधिक चौड़ी रोड के किनारे। सबसे अधिक रेट 18 मीटर से अधिक चौड़ी रोड के किनारे की संपत्ति का होता है।
छह साल में तेज विकास
जिले में पिछले छह साल में तेजी से विकास हुआ है। जहां पर विकास कार्य तेजी से हुए हैं वहां पर सर्किल रेट में भी अधिक बढ़ोतरी की गई है। रैपिड रेल निर्माण कार्य के चलते जहां दिल्ली मेरठ हाईवे के किनारे जमीन महंगी हुई हैं। सबसे ज्यादा महंगाई हापुड़ रोड पर एक्सप्रेसवे का कट मिलने के बाद हुई है।
कौशांबी में दर ज्यादा
इससे पहले वर्ष 2016 में सर्किल रेट में बदलाव किया गया था। इस हिसाब सेअभी शहर में सबसे अधिक सर्किल रेट कौशांबी का है। इसके बाद आवासीय क्षेत्रों में दूसरे नंबर पर वैशाली है। इस समय कौशांबी में 99,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक सर्किल रेट है। वहीं दिल्ली और एनएच से सटी कॉलोनियों के सर्किल रेट 73,000 रुपए प्रति वर्ग मीटर तक हैं।
पांच साल में बिकी ढाई लाख संपत्तियां
पिछले पांच साल में रेट नहीं बढ़ने पर करीब 260491 संपत्तियां बिकी हैं। इनमें करीब 203931 फ्लैट और 56560 प्लॉट बिक गए। इससे स्टांप विभाग को 6 हजार करोड़ से अधिक की आय हुई।
स्थान पुराना सर्किल रेट नया सर्किल रेट
कौशांबी 72,000-99,000 85,0000-1,13000
वैशाली 67,500-74,200 77,000-85,000
इंदिरापुरम 66,500-73,100 80,000-84,000
वसुंधरा 62,000-68,000 66,000-78,000
कविनगर 46,000-52,000 55,200-62,400
नेहरूनगर 43,000-50,000 51,600-60,000
क्रासिंग रिपब्लिक 19,000-23,000 22,000-27,000
राजनगर एक्सटेंशन 25,000-27,000 28,000-31,000