अच्छी खबर: भारत में कोरोना वायरस का कैसा है रूप? जानिए वैक्सीन पर प्रधानमंत्री कार्यालय(PMO) ने क्या कहा

Update: 2020-10-18 02:56 GMT

भारत में कोरोना वायरस में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ है। इस बात की पुष्टि शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने की है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश में कोरोना महामारी की स्थिति और वैक्सीन की तैयारियों की समीक्षा बेठक की। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, सदस्य (स्वास्थ्य) नीति आयोग और भारत सरकार के अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे। 

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमें वैक्सीन को सिर्फ पड़ोसी देशों तक ही सीमित नहीं रखना है बल्कि इसे पूरी दुनिया में पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन वितरण प्रणाली को और मजबूत करने के लिए हमें पूरे दुनिया में आईटी प्लेटफॉर्म पर जोर देना होगा। बैठक में प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोजन की तरह टीका वितरण की ऐसी प्रणाली विकसित करने का सुझाव दिया जिसमें सरकारी और नागरिक समूहों के प्रत्येक स्तर की भागीदारी हो।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए पीएम मोदी ने प्रतिदिन के मामलों और वृद्धि दर में लगातार गिरावट का उल्लेख किया। पीएम मोदी ने त्यौहारों के दौरान सामाजिक दूरी, कोरोना दिशा-निर्देशों का पालन करने और आत्मसंयम बरतने की अपील की। पीएम ने आगे निर्देश दिया कि देश के सभी कोनों और वहां स्थितियों को देखते हुए वैक्सीन की पहुंच तेजी से पहुंचाई जानी चाहिए। पीएम ने जोर देकर कहा कि लॉजिस्टिक्स, डिलीवरी और एडमिनिस्ट्रेशन में हर कदम को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।

इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि भारत में तीन टीके विकसित होने के उन्नत चरणों में है, जिनमें से दो टीके चरण-2 और एक टीका तीसरे चरण में। पीएमओ ने आगे बताया कि कोरोना वायरस जीनोम पर दो अखिल भारतीय अध्ययनों से पता चला है कि वायरस आनुवंशिक रूप से स्थिर है, इसमें कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ है। 

कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि कोरोना वायरस के स्वरूप में बड़ा बदलाव होने से इसका प्रभावी टीका बनाने में बाधा पैदा हो सकती है। हालांकि, कुछ हालिया वैश्विक अध्ययनों में सामने आया है कि वायरस के स्वरूप में आने वाले हालिया बदलावों से कोरोना के लिए इस समय विकसित किए जा रहे टीकों पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए।

पीएमओ ने कहा, 'आईसीएमआर और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा सार्स-कोव-2 (कोविड-19 वायरस) के जीनोम पर किए गए दो अखिल भारतीय अध्ययनों में पाया गया है कि वायरस आनुवांशिक रूप से स्थिर है और इसके स्वरूप में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है।'

पीएमओ ने एक बयान में कहा कि 'नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोरोना' (एनईजीवीएसी) ने राज्य सरकारों और सभी प्रासंगिक हितधारकों के साथ मिलकर टीकों के भंडारण, वितरण और उसे लगाने के लिए एक विस्तृत ब्लूप्रिंट (खाका) तैयार किया है।'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने पिछले महीने कहा था कि भारत में कारोना वायरस के 'स्ट्रेन' में कोई बड़ा या महत्वपूर्ण बदलाव नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा था कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पिछले कुछ महीनों के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर जुटाए गए 'स्ट्रेनों' (वायरस का स्वरूप) का बड़े पैमाने पर अध्ययन करने में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा था कि वायरस के स्वरूप में बदलाव के संबंध में अक्तूबर के शुरू में जानकारी उपलब्ध होगी।

बता दें कि देश में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 74 लाख के पार चली गई है। वहीं संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या भी 65 लाख से अधिक हो गई है। इस प्रकार संक्रमण से स्वस्थ होने वालों की दर 87.78 प्रतिशत हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकडों के अनुसार, कोविड-19 के 62,212 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 74,32,680 हो गए हैं, वहीं संक्रमण से 837 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 1,12,998 हो गई है।


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