देश में कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही हैं ये 7 बड़ी कंपनियां, पढ़े पूरी खबर

भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान काफी तेजी से चल रहा है।

Update: 2021-01-24 14:31 GMT

कोरोना वैक्सीन 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान काफी तेजी से चल रहा है। देशभर में अब तक 15 लाख 37 हजार से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है। अगर यह टीकाकरण इसी तेजी से चलता रहा, तो वो दिन दूर नहीं है जब सबसे ज्यादा लोगों को वैक्सीन देने के मामले में भारत शीर्ष पर पहुंच जाएगा। दरअसल, यहां लोगों को सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' दी जा रही है। यह एक बड़ी उपलब्धि है कि अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के अलावा भारत भी स्वदेशी वैक्सीन का इस्तेमाल कर रहा है। यह भारतीय वैज्ञानिकों के लिए भी बड़ी उपलब्धि है कि उन्होंने कोरोना वैक्सीन के मामले में भारत को उन गिने-चुने देशों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है, जो कोरोना वैक्सीन बना चुके हैं। इस बार 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कोरोना वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया यानी झांकी भी दिखाई जाएगी। यह झांकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से निकाली जाएगी। ऐसा नहीं है कि सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक कंपनियां ही वैक्सीन पर काम कर रही थीं, इनके अलावा और भी भारतीय कंपनियां हैं जो कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही हैं।

कैडिला हेल्थकेयर

यह एक भारतीय बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी है, जो मुख्य रूप से जेनेरिक दवाओं के निर्माण में लगी हुई है। इस कंपनी ने डीएनए प्लेटफॉर्म पर आधारित वैक्सीन बनाई है, जिसका नाम जाइकोव-डी (ZyCoV-D) रखा गया है। दरअसल, कैडिला ने वैक्सीन बनाने के लिए बायोटेक्नोलॉजी विभाग के साथ सहयोग किया है। फिलहाल इस वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है।
डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज
यह भारत की एक जानी-मानी दवा कंपनी है, जिसने बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन (स्पूतनिक-वी) के उत्पादन के लिए रूस के गमलेया नेशनल सेंटर से साझेदारी की है। फिलहाल इस वैक्सीन के भी तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
यह एक भारतीय संस्थान है जो वैक्सीन सहित प्रतिरक्षात्मक दवाओं का एक प्रमुख निर्माता है। इस कंपनी को दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी माना जाता है। यह कंपनी कोविशील्ड सहित कोरोना के कुल पांच टीकों पर काम कर रही है। सीरम इंस्टीट्यूट ने नोवावैक्स के साथ भी साझेदारी की है, जिसने वायरस के प्रोटीन के टुकड़े को आधार बनाकर वैक्सीन बनाई है। फिलहाल इसके तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल पर विचार किया जा रहा है।
बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड
हैदराबाद स्थित बायोफार्मास्युटिकल कंपनी बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड कम लागत वाले वैक्सीन उत्पादन के क्षेत्रों में माहिर है। अमेरिकी की एमआईटी द्वारा विकसित प्रोटीन एंटीजेन आधारित वैक्सीन के उत्पादन के लिए बायोलॉजिकल ई. ने साझेदारी की है। फिलहाल इस वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं.
जिनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड
पुणे स्थित इस भारतीय कंपनी ने एमआरएनए आधारित कोरोना वैक्सीन बनाई है, जिसके पहले चरण के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने कहा है कि ट्रायल के नतीजे इस साल मार्च तक आ सकते हैं। हालांकि कंपनी का कहना है कि कोरोना के खिलाफ उसकी वैक्सीन 90 फीसदी तक कामयाब रही है।
भारत बायोटेक
हैदराबाद स्थित यह भारतीय कंपनी दवाओं की खोज, उनका विकास और वैक्सीन का निर्माण करती है। इस कंपनी की बनाई वैक्सीन 'कोवैक्सीन का इस्तेमाल भारत में टीकाकरण अभियान में किया जा रहा है। इसके अलावा कंपनी ने एक अन्य वैक्सीन के उत्पादन के लिए अमेरिका के थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी के साथ भी साझेदारी की है, जो ट्रायल के एडवांस्ड प्री-क्लीनिकल स्तर तक पहुंच चुकी है।
ऑरोबिन्दो फार्मा
हैदराबाद स्थित ऑरोबिन्दो फार्मा लिमिटेड एक भारतीय दवा निर्माण कंपनी है, जो जेनेरिक फार्मास्यूटिकल्स और सक्रिय दवा सामग्री बनाती है। यह कंपनी अमेरिकी के ऑरोवैक्सीन के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बना रही है, जो फिलहाल प्री-डेवलपमेंट स्टेज पर है।





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