अध्ययन में दावा, कोरोना के मरीज यदि पूरी तरह से बरतते है सावधानी तो उनका परिवार में संक्रमण की आशंका बेहद कम
शोधकर्ताओं का कहना है कि संक्रमित व्यक्ति को घर में आइसोलेशन के दौरान सख्ती से होम आइसोलेशन गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया के कई देशों में जारी कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस बीच, द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना मरीज अगर पूरी तरह सावधानी बरतते हैं तो उनका परिवार सुरक्षित रहेगा। साथ ही उनसे किसी दूसरे में संक्रमण पहुंचने की आशंका बेहद कम रह जाएगी।
द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में 24 नवंबर को प्रकाशित इस अध्ययन में दावा किया गया है कि अगर रोगी कोरोना वायरस से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करता है तो उसके द्वारा अपने करीबियों में संक्रमण फैलाने का खतरा मात्र 06 फीसदी ही रह जाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि संक्रमित व्यक्ति को घर में आइसोलेशन के दौरान सख्ती से होम आइसोलेशन गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए। ऐसा न करते हुए वह अपने परिवार को भी खतरे में डाल रहा है। साथ ही, मास्क लगाने, हाथ धोने या सेनेटाइज करने और स्वच्छता रखने जैसे सामान्य तरीके भी कारगर साबित हुए हैं। दरअसल, शोधकर्ताओं का मानना है कि बिना लक्षण वाले रोगियों के लापरवाही बरतने से संक्रमण सबसे ज्यादा फैलता है। अगर वे दिशा-निर्देशों का पालन सख्ती से करें तो परिवार और आसपड़ोस में प्रसार को कम किया जा सकता है।
कैटेलोनिया और स्पेन में किए एक विश्लेषण में 17 मार्च और 28 अप्रैल, 2020 के बीच में 672 कोरोना रोगियों के साथ उनके संपर्क के 2,314 स्वस्थ लोग शामिल किए गए थे। इनमें से 1,198 को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और 1,116 सामान्य दिशा-निर्देश वाली देखभाल दी गई। इनमें पीसीआर-जांच के अनुसार, क्रमश: 5.7% और 6.2% रहा था। सामान्य देखभाल समूह 56.1% बनाम 5.9% की तुलना में प्रतिकूल प्रभाव वाली घटनाओं की संख्या हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन समूह में अधिक थी।