रिसर्च में दावा: चीजों को छूने से फैलता है कोरोना संक्रमण? लेकिन अब वैज्ञानिकों ने बताई ये नई बात

Update: 2021-04-13 12:17 GMT

पिछले साल जब कोरोनावायरस खौफनाक तरीके से फैल रहा था, तब ये स्थिति थी कि किसी भी चीज को छूने से कोरोना संक्रमण हो जाएगा. अब एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि अब छूने से कम फैलेगा कोरोनावायरस. हालांकि इसका मतलब ये नहीं कि आप सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजेशन को बंद कर दें. कोरोना से बचाव के ये सबसे पुख्ता और सटीक तरीके हैं. 

अमेरिका में हुए एक नए रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अब किसी भी सतह को छूने से कोरोना संक्रमण का खतरा कम है. भले ही वह सतह संक्रमित क्यों न हो. अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीस कंट्रोल (CDC) ने कहा कि अब किसी वस्तु की सतह को छूने से कोरोना संक्रमण की आशंका 10 हजार में एक की है. 
CDC ने किसी भी वस्तु को छूने को लेकर अब कोरोना संबंधित नई गाइडलाइंस जारी की हैं. पिछली साल एक्सपर्ट्स ने चेतावनी जारी की थी कि जो लोग सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर रहे हैं. या फिर सुपरमार्केट से ग्रॉसरी ला रहे हैं, उन्हें अलग-अलग वस्तुओं की सतह छूने से कोरोना संक्रमण का खतरा बना रहेगा. लेकिन अब ऐसा नहीं है, क्योंकि सभी वस्तुओं और सार्वजनिक परिवहन को सैनिटाइज किया जा रहा है.
CDC ने कहा है कि अब लोगों को कोरोना का संक्रमण बंद जगहों, भीड़ वाले स्थानों और खराब हवादार वाले स्थान से हो रहा है. अगर ऐसी जगहों पर संक्रमित लोग ज्यादा हैं तो अन्य सुरक्षित लोगों को संक्रमण का खतरा ज्यादा रहेगा. CDC की डायरेक्टर डॉ. रोशेल वालेंस्की ने व्हाइट हाउस ब्रीफिंग में बताया कि लोग अलग-अलग तरह के सतहों को छूने से संक्रमित हो सकते हैं लेकिन इसकी आशंका अब बहुत कम है.
वर्जिनिया टेक यूनिवर्सिटी के एयरबॉर्न डिजीसेस की एक्सपर्ट लिंसी मार ने बताया कि हमें ये बात बहुत दिनों से पता है लेकिन लोग अब भी घर और बाहर की वस्तुओं की सतहों की सफाई में लगे हैं. जबकि इन सतहों से कोरोनावायरस के संक्रमण का खतरा बेहद कम है. क्योंकि अभी तक इसके सबूत नहीं मिले हैं कि किसी संक्रमित स्थान या सामान को छूने से कोई बीमार पड़ा हो. 
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो यह बात स्पष्ट हो गई है कि कोरोनावायरस से होने वाला कोविड-19 संक्रमण सबसे ज्यादा हवा के जरिए हो रहा है. क्योंकि हवा में कोरोना संक्रमित लोगों के नाक और मुंह से निकली बूंदों के जरिए वायरस दूसरे स्वस्थ इंसानों को भी संक्रमित कर रहा है. 
रटगर्स यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजिस्ट इमान्युएल गोल्डमैन ने कहा कि किसी वस्तु की सतह से कोरोना संक्रमण का वैज्ञानिक कारण नहीं मिला है. इसकी आशंका अत्यधिक कम है. यह वायरस सिर्फ और सिर्फ हवा के जरिए ही लोगों के शरीर में प्रवेश करता है. यह वैसा वायरस नहीं है जो छूने से फैले. 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation - WHO) ने भी कई मौकों पर यह बात कही है कि कोरोनावायरस सिर्फ हवा के जरिए फैलता है. यह इंसान के सांस लेने की प्रणाली को अपना माध्यम बनाकर शरीर के अंदर जाता है. इसलिए लोग कोरोना संक्रमित इलाकों और लोगों से दूरी बनाकर रखें. 
WHO ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर कोई संक्रमित व्यक्ति किसी जगह पर खांस दें, छींक दे या किसी वस्तु को छू दे. जैसे- टेबल, दरवाजे, कुंडी, हैंडरेल तो वहां जाने वाले या उन स्थानों को छूने वाले दूसरे शख्स को कोरोना होने की आशंका बनी रहती है. 
दूसरी तरफ, WHO ने कहा कि जो वस्तुएं किसी और जगह से इंपोर्ट हो रही हैं. लंबी दूरी से आ रही हैं. उनमें कोरोनावायरस के संक्रमण का खतरा कम है. क्योंकि ये वस्तुएं अलग-अलग तरह के क्लाइमेट से होकर गुजरती है. लंबी दूरी तय करती है. कई तरह के तापमान को बर्दाश्त करती हैं. इन्हें खास तरह के तापमान में रखा जाता है. इसलिए इनकी सतहों को छूने से कोरोना संक्रमण का खतरा कम है. 
इन सबके बावजूद कोरोनावायरस से बचने के जो तरीके वैश्विक स्तर पर मान्य हैं, उनका पालन करना जरूरी है. अपने हाथों को कम से कम 20 सेकेंड तक साबुन से धोएं. हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें. खांसते या छींकते समय अपने मुंह को मास्क, कपड़ा या शर्ट या टीशर्ट की बांह से ढंके. इसके बाद तुरंत खांसने या छींकने में उपयोग किए गए कपड़े को धुल दें या कचरे के डिब्बे में डाल दें. इसके बाद अपना हाथ धुलें. 
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