दर्दनाक मदर्स डेः कोरोना से मर रहीं मां, इस देश में अनाथों की पूरी पीढ़ी ले रही जन्म
मदर्स डे के दिन ब्राजील से बेहद दुखद खबर आई है. यहां पर कोरोना वायरस 'मां' को छीन रहा है. मां के न रहने पर इस दक्षिण अमेरिकी देश में अनाथों की नई पीढ़ी तैयार हो रही है. इस साल के शुरुआती चार महीनों में 4000 से ज्यादा गर्भवती महिलाएं कोरोना संक्रमित हुईं. जिसमें से 494 महिलाओं की मौत हो गई. ये मौतें डिलीवरी से पहले या प्रसव के बाद हुई हैं. जिसकी वजह से सैकड़ों नवजात बच्चे और उनसे पहले मौजूद उनके भाई-बहन अनाथ हो गए हैं.
ब्राजील में कोरोना की वजह से पहले बुजुर्ग महिलाओं की मौत हो रही थी, लेकिन कोविड-19 के अमेजोनियन वैरिएंट के आने के बाद युवा महिलाएं भी संक्रमित हो रही हैं. मारी भी जा रही हैं. 40, 30 और यहां तक की 20 की उम्र वाली युवा महिलाएं भी कोरोना का शिकार हो रही हैं. सबसे दुखद बात तो ये हैं कि कोरोना वायरस 'मां' बनने वाली महिलाओं को छीन ले जा रहा है. जिसकी वजह से इस धरती पर आए नवजातों के सिर से मां का साया उठ जा रहा है.
ब्राजील में कोरोना वायरस के अमेजोनियन वैरिएंट की वजह से पिछले चार महीनों में करीब 500 युवा गर्भवती महिलाओं की मौत हो गई है. अस्पतालों में संक्रमित गर्भवती महिलाओं की बाढ़ सी आई हुई है. गर्भवती महिलाओं और नवजातों पर नजर रखने वाले एक समूह ने कहा कि पिछले 9 महीनों में इतनी मौतें नहीं हुई, जितनी इस साल के चार महीनों में हो गई.
रोडे आइलैंड स्थित ब्राउन यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता डेबोरा डिनिज ने कहा कि ब्राजील में गर्भवती महिलाओं को लेकर स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से ही कमजोर हैं. कोरोना महामारी आने के बाद गर्भवती महिलाओं और प्रसव के बाद महिलाओं की स्थिति और बिगड़ गई है. यहां के अस्पताल उन्हें पूरी सुरक्षा और सेहत नहीं दे पा रहे हैं. इस देश में 'मां' की ऐसी ही हालत है.
डेबोरा ने बताया कि इस समय ब्राजील की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर अत्यधिक भार है. अब इस देश में अनाथों की नई पीढ़ी तैयार हो रही है. ब्राजील दुनिया के चुनिंदा देशों में से एक है जहां पर कोरोना वायरस का कहर सबसे ज्यादा है. यहां की सरकार ने वैज्ञानिकों की सलाह को शुरुआत से ही दरकिनार किया. सही कदम देर से उठाए...इसलिए इस देश की हालत अब कोरोना की वजह से खस्ताहाल हो रही है.
डेबोरा ने बताया कि नए और ज्यादा संक्रामक वैरिएंट के आने के बाद इस देश की युवा पीढ़ी खतरे में आ गई है. अमेरिका और भारत के बाद इस देश में भी ऑक्सीजन की कमी होने लगी है. लोगों को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत हो रही है. ऑक्सीजन की कमी की वजह से गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक परेशानी उठानी पड़ रही है. जबकि, कोरोना संक्रमित महिलाओं को डिलीवरी से पहले और उसके बाद उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है.
JAMA पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस की वजह से ब्राजील में प्रसव पूर्व और प्रसव के बाद महिलाओं की तेजी से मौत हो रही है. इसकी वजह से उन्हें नियो-नेटल समस्याएं हो रही हैं. अगर किसी गर्भवती महिला को पहले से ही कोई सामान्य बीमारी या हीमोग्लोबिन की कमी है और वह कोरोना संक्रमित होती है तो उसकी दिक्कतें और बढ़ जा रही हैं.
जामा पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित रिपोर्ट में 18 अमीर और गरीब देशों की महिलाओं का अध्ययन किया गया है. इसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि प्रसव के पहले और बाद में महिलाएं गर्भधान से संबंधित तनाव ले रही हैं. इस तनाव का स्तर इतना ज्यादा है कि कोरोना संक्रमण होते ही यह जानलेवा हो जा रहा है.
ब्राजील में जब कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई तब लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया. जिसकी वजह से नए वैरिएंट ने भयावह रूप से लोगों को संक्रमित करना शुरू कर दिया. अब सरकार ने कड़े कदम उठाए लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. ब्राजील में इस समय हर दिन 3000 लोग मारे जा रहे हैं. जबकि, 4 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है संक्रमण और मौतों के मामले में.
ब्राजील में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने के बाद पिछले साल की तुलना में 4.5 फीसदी ज्यादा मौतें हो रही हैं. ये आंकड़े ब्राजील में कोरोना पर रिसर्च कर रही संस्था फियोक्रूज ने जारी किए हैं. पिछले महीने ब्राजील की सरकार ने अपने देश की महिलाओं से दुर्लभ तरह की अपील की है कि इस समय अस्पतालों में हालत ठीक नहीं है, इसलिए कोशिश करके गर्भवती होना टाल दें.
ब्राजील की सरकार ने यह सलाह इतनी देर से जारी की इससे पहले कई महिलाएं मां तो बनी लेकिन अपने नवजात बच्चों को ममता भरा प्यार नहीं दे पाईं. 26 साल की आद्रिले कैरनीरो डे संताना को बेटी हुई. उसे भी कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था. आद्रिले ने कहा कि साल 2017 में उसे चिकनगुनिया और 2019 में डेंगु हुआ था. जैसे ही कोरोना संक्रमण हुआ उसने खुद को घर में बंद कर लिया. डिलीवरी डेट से एक महीना पहले अक्टूबर में वह पॉजिटिव हुई.
आद्रिले का ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था. वो बहुत कमजोर हो गई थी. उसे ICU की जरूरत थी लेकिन अस्पताल में बेड नहीं था. उसे दूसरे कमरे में शिफ्ट किया गया. कोरोना संक्रमण के दौरान ही उसने डिलीवरी की लेकिन दो हफ्ते बाद वह कोरोना का शिकार हो गई. वो मां तो बनी लेकिन अपने नवजात बच्चे को न देख पाई, न ही उसे प्यार कर पाई.