कोरोना से हाहाकार: ऑक्सीमीटर की भारी मांग बढ़ी, कीमतों में आया उछाल, जानिए कैसे होता है इस्तेमाल
कोरोना का ये संकट काल ऐसा है कि जिस चीज की ज़रूरत है, उसी की कमी हो जा रही है. केवल ऑक्सीजन की कमी नहीं है, बल्कि इससे जुड़े तमाम उपकरणों की किल्लत हो रही है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा मापने के लिए एक छोटी सी मशीन का इस्तेमाल होता है, जिसे उंगली पर लगाकर आसानी से पता लगाया जा सकता है कि मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की कितनी मात्रा बची है. इससे पता चलता है कि उसकी स्थिति गंभीर है या नहीं. लोग घरों में ही ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन अब इन ऑक्सीमीटर्स की भी कमी होने लगी है.
कितना ऑक्सीजन लेवल सही, कितने पर है खतरा
शरीर के ऑक्सीजन लेवल की बात करें तो एक सामान्य सेहतमंद व्यक्ति का ब्लड ऑक्सीजन लेवल 95 प्रतिशत से ऊपर होना चाहिए और ये 98... 99 या 100 प्रतिशत तक भी जा सकता है. अगर ऑक्सीजन का स्तर 90% से 95% तक है तो इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है. अगर ऑक्सीजन का स्तर 90% से कम है तो तत्काल मेडिकल मदद लेनी चाहिए. ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन के लेवल को 1 से 2 प्रतिशत के Error मार्जिन के साथ नाप लेता है.
चाइनीज़ ऑक्सीमीटर भी बाजार में उपलब्ध हैं जो पूरी की पूरी यूनिट के तौर पर इंपोर्ट होते हैं और भारत में इन्हें रीपैकेज कर दिया जाता है. अक्सर इनकी वारंटी भी नहीं मिलती. ऑक्सीमीटर लेते हुए ये चेक करना चाहिए कि कम से कम 1 साल की वारंटी दी जा रही हो.
पहले ऑक्सीमीटर 500 से 700 रुपये तक की रेंज में मिल रहे थे.. लेकिन अब 1000 रुपये से कम का ऑक्सीमीटर मिलना मुश्किल हो गया है और ऑनलाइन भी ऐसे ऐसे ब्रांड मिल रहे हैं जिनके बारे में लोगों ने कभी सुना ही नहीं होता है. अच्छी क्वालिटी के ऑक्सीमीटर 2000 से 5000 रुपये के मिलते हैं. ऑक्सीमीटर की क्वालिटी चेक करने का तंत्र भी मज़बूत नहीं है. इस समय आपातकाल की स्थिति है और इसमें कमज़ोर क्वालिटी वाले ऑक्सीमीटर भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं.
ऑक्सीमीटर की रीडिंग्स
ऑक्सीमीटर की रीडिंग्स का क्या मतलब है इस पर हमने डॉक्टर से भी बात की. नॉर्मल ऑक्सीजन लेवल - 98-99 तक होता है. बेस लाइन ऑक्सीजन से कम होने पर ध्यान दें. जैसे अगर बेस लाइन ऑक्सीजन 99 है और अगले कुछ दिनों में अगर ऑक्सीजन 3-5% कम हो जाए, बुखार-खांसी हो... तो निमोनिया होने के बहुत चांस है. ये इमरजेंसी जैसी हालत है.
ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल
1 - अंगुली ठीक से ऑक्सीमीटर में फिट हो
2 - पल्स रेट अगर बार बार बदल रही है तो इसका मतलब या तो ग्रिप ठीक नहीं या पल्स ऑक्सीमीटर में खराबी है
3 - मिडल या इंडेक्स फिंगर में ट्रेंड देखे... जिस फिंगर में पहली बार देखा था उसी में हर बार चेक करें. बार बार फिंगर नहीं बदलें
4 - पल्स ऑक्सीमीटर को इस्तेमाल करते वक्त बार-बार हिलाएं ना
5 - अच्छी कंपनी का पल्स ऑक्सीमीटर ही इस्तेमाल करें