जापानी वैज्ञानिकों ने रिसर्च में किया दावा, इंसान की स्किन पर 9 घंटे तक जिंदा रह सकता है कोरोना, इसलिए करते रहें हांथो की सफाई और सैनेटाइज

कोरोनावायरस इंसान की स्किन पर 9 घंटे तक जिंदा रह सकता है। लैब में हुए प्रयोग में हुआ साबित

Update: 2020-10-08 12:15 GMT
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोनावायरस इंसान की स्किन पर 9 घंटे तक जिंदा रह सकता है। लैब में हुए प्रयोग ये साबित भी हुआ है। इंफ्लुएंजा-ए की तुलना में कोरोनावायरस 4 गुना अधिक समय तक जिंदा रह सकता है। यह दावा जापान की क्योटो प्रीफेक्चरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन ने अपनी रिसर्च में किया है।

यह इतने समय तक स्किन पर कैसे जिंदा रह लेता है, इसका पता नहीं लगाया जा सका है। रिसर्च कहती है, स्किन पर वायरस का इतने समय के लिए रहना खतरे को बढ़ाता है। इसलिए साबुन से हाथों को कम से कम 20 सेकंड के लिए धोना जरूरी है।

ऐसे हुई रिसर्च

रिसर्च के लिए फॉरेंसिक अटॉप्सी के जरिए इंसान की स्किन के नमूने लिए गए। स्किन की कोशिकाओं को कोरोनावायरस और इंफ्लुएंजा-ए के सैम्पल के साथ मिक्स किया गया। रिसर्च में सामने आया कि स्किन पर फ्लू का वायरस 1.8 घंटे तक जिंदा रहा। वहीं, कोरोनावायरस 9 घंटे तक जिंदा रहा।

म्यूकस मिक्स करने पर कोरोना 11 घंटे तक जिंदा रहा

रिसर्चर्स के मुताबिक, जब सैम्पल में रेस्पिरेट्री टैक्ट से लिया गया म्यूकस डाला गया तो कोरोनावायरस 11 घंटे तक जिंदा रहा। इन पर हैंड सैनेटाइजर का प्रयोग करने पर 15 सेकंड के अंदर वायरस खत्म हो गए। हैंड सैनेटाइजर 80 फीसदी अल्कोहल वाला था।

इसलिए 20 सेकंड तक हाथ धोना जरूरी

सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की गाइडलाइन के मुताबिक, 60 से 95 फीसदी तक अल्कोहल वाले सैनेटाइजर से कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को सैनेटाइज करें। तभी हाथों हर हिस्से से कोरोना को खत्म किया जा सकता है। या साबुन-पानी से हाथों को धोएं।

रिसर्च करने वाले जापानी वैज्ञानिकों का कहना है कि इंफ्लुएंजा-ए वायरस के मुकाबले कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने का खतरा अधिक है। कोरोनाकाल में हाथों की सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

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