18 अक्टूबर को थमे रहेंगे HRTC बसों के पहिए, वित्तीय लाभ नहीं मिलने से कर्मचारियों ने खोला मोर्चा
हिमाचल में पथ परिवहन निगम (HRTC) के कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है.
हिमाचल में पथ परिवहन निगम (HRTC) के कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है. वित्तीय लाभ नहीं मिलने से नाराज निगम के कर्मचारियों ने अब फैसला लिया है कि 18 अक्टूबर को प्रदेश भर में एचआरटीसी बसों के पहिये थमे रहेंगे. आज सोमवार को भी निगम के कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की.
दरअसल हिमाचल में पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को उनकी तनख्वाह नहीं मिली है. परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के सचिव राजेंद्र ठाकुर (Rajendra Thakur) ने बताया कि अक्तूबर का आधा महीना निकलने वाला है, अभी तक कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिली है. इसके साथ ही 35 महीने से एचआरटीसी चालक-परिचालकों को ओवर टाइम नहीं दिया गया है.
कर्मचारियों को नहीं दिया गया डीए, आईआर
कर्मचारियों का कहना है कि सुबह से देर रात तक चालक और परिचालक बसों में सेवाएं दे रहे हैं. बावजूद इनकी अनदेखी की जा रही है. इसी के चलते कर्मचारियों में नाराजगी है और 17 अक्तूबर तक वे हर यूनिट में प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद 18 अक्तूबर को कर्मचारी बसें नहीं चलेंगी. इसके साथ कर्मचारियों को डीए, आईआर भी नहीं दिया गया. इसकी अधिसूचना आचार संहिता से पहले हुई है, बावजूद प्रबंधन आदेश जारी नहीं कर रहा है.
एचआरटीसी पेंशनर्स का भी है यही हाल
इसके साथ एचआरटीसी पेंशनर्स को पेंशन के लिए भी काफी परेशाननियों का सामना करना पड़ रहा है. एचआरटीसी पेंशनर मंच के संयोजक अशोक पुरोहित ने कहा कि एचआरटीसी से सेवानिवृत्त होते उन्हें 1 साल तक भटकना पड़ता है. उसके बाद जाकर पेंशन शुरू होती है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में एचआरटीसी ने बेहतर कार्य किया. वहां भी बसें पहुंचाई जहां ,अन्य बसों का संचालन नहीं हो रहा था.
पुरोहित ने कहा था कि अपनी पेंशन की समस्या को लेकर वह मंत्री से लेकर सीएम तक मिल चुके ,लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला. उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर को शिमला ओल्ड बस स्टैंड में सभी पेंशनर व कर्मचारी धरना प्रदर्शन करेंगे. यदि सरकार बात नहीं मानती तो उन्हें आमरण अनशन या आत्मदाह करने को मजबूर होना पड़ेगा.