कोरोना की दूसरी लहर के बाद भारत की इकोनॉमी में जबरदस्त रिकवरी, चीन को बड़ा झटका
कोरोना की दूसरी लहर के बाद भारत की इकोनॉमी में जबरदस्त रिकवरी आ रही है
कोरोना की दूसरी लहर के बाद भारत की इकोनॉमी में जबरदस्त रिकवरी आ रही है। वहीं, चीन की अर्थव्यवस्था अनिश्चितता की ओर बढ़ रही है। ये बातें एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने अपनी रिपोर्ट में कही है। इसके साथ ही रेटिंग एजेंसी ने चीन के जीडीपी ग्रोथ अनुमान में भी कटौती कर दी है।
क्या कहा एजेंसी ने: एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चीन के बढ़ते जोखिमों का हवाला देते हुए भारत के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को स्थिर रखा है। वित्त वर्ष 2022 के लिए एजेंसी ने जीडीपी अनुमान 9.5 फीसदी पर रखा था, जो बरकरार है। वहीं, रेटिंग एजेंसी ने चीन के 2021 के जीडीपी ग्रोथ अनुमानों में 30 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। पहले चीन के लिए जीडीपी अनुमान 8 फीसदी लगाया गया था, जो अब 7.70 फीसदी रह गया है।
भारत की तारीफ: एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में भारत की तारीफ की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश अप्रैल-जून की अवधि में कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में था, इस दौरान इकोनॉमी की रफ्तार सुस्त पड़ गई। हालांकि, इसके बाद जुलाई-सितंबर में इकोनॉमी को रिकवरी मिली। मुद्रास्फीति अपेक्षाकृत अधिक बनी हुई है। इसके अलावा सार्वजनिक ऋण की चिंता भी है। भारत के संदर्भ में रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अपेक्षा से अधिक तेजी से पूंजी प्रवाह जोखिम पैदा कर सकता है।
चीन पर क्या कहा: रेटिंग एजेंसी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में, चीन के नीति निर्माताओं ने टेक्नोलॉजी सेक्टर के लिए नियमों को कड़ा किया है। डिलीवरी राइडर्स, इंटरनेट गेमिंग के नियमों को सख्त करने का भी इकोनॉमी को नुकसान हो रहा है। चीन का भविष्य भी अनिश्चितता की ओर बढ़ता दिख रहा है।
एवरग्रांड संकट का जिक्र: रेटिंग एजेंसी ने रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांड के दिवालिया होने की आशंका पर चिंता जाहिर की। एजेंसी के मुताबिक इससे अन्य डेवलपर्स, आपूर्तिकर्ताओं, ठेकेदारों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए व्यापक नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। हमें उम्मीद नहीं है कि सरकार एवरग्रांड को कोई सीधा सहयोग देगी।