ये कंपनी करेगी 700 करोड़ की क्रिप्टोकरंसी खत्म, जानिए क्या है मामला
क्रिप्टोकरंसी इथीरियम के को-फाउंडर विटालिक ब्यूटेरिन ने बड़ा ऐलान किया है
क्रिप्टोकरंसी इथीरियम (cryptocurrency Ethereum) के को-फाउंडर विटालिक ब्यूटेरिन ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि शिबा इनू होल्डिंग्स में इथीरियम (Ethereum) का 90 फीसद हिस्सा वे खत्म कर देंगे. बाकी के बचे 10 परसेंट कॉइन को दान में बांट देंगे. ब्यूटेरिन के इस ऐलान से क्रिप्टो (cryptocurrency) की दुनिया में तहलका मच गया है. इथर में पैसा लगाने वालों को कुछ सूझ नहीं रहा कि वे क्या करें, उनके निवेश का आगे भविष्य क्या है.
'बिजनेस इनसाइडर' की एक रिपोर्ट बताती है कि ब्यूटेरिन के ऐलान के बाद मार्केट से 40 परसेंट तक इथीरियम को लोगों ने हटा लिया है. ब्यूटेरिन ने कहा है कि उनके सामने अभी दो ही रास्ते बचते हैं. या तो इथर को खत्म (burning) कर दें या उसे दान में बांट दें. इसके बाद तेजी से मार्केट से इथीरियम हटाए जाने लगे हैं. इथीरियम के जितने भी शिबा इनू (shiba Inu holdings) टोकन या कॉइन हैं, उसमें आधा हिस्सा उन लोगों ने दिया है जो कॉइन की माइनिंग करते हैं, उसे तैयार करते हैं. ब्यूटेरिन शिबा इनू होल्डिंग से हटना चाहते हैं और इसके लिए वे या तो इथर को खत्म करें या फिर लोगों में बांट दें, यही अंतिम विकल्प है.
कब शुरू हुआ था शिबा इनू
शिबा इनू बिटकॉइन, इथर या डोजकॉइन की तरह डिजिटल करंसी है. इसे क्रिप्टोकरंसी भी कहते हैं. इथीरियम के को-फाउंडर विटालिक ब्यूटेरिन ने शिबा इनू में बड़े पैमाने पर निवेश किया है. अब वे उसमें से हटना चाहते हैं. शिबा इनू का निर्माण अगस्त 2020 में किया गया था. तब इसे रयोशी के नाम से पुकारा जाता था. इसे जोक कॉइन का नाम भी दिया गया है. साल भर पहले डोजकॉइन का बड़ा नाम हो रहा था. उसे रोकने के लिए शिबा कॉइन की इजाद की गई. देखते-देखते शिबा इनू ने डोजकॉइन का रास्ता रोक दिया. डोजकॉइन के कस्टमर्स शिबा में निवेश करने लगे. इस करंसी का नाम जापानी कुत्ते की प्रजाति शिबा इनू के नाम पर रखा गया.
कैसे करते हैं ट्रेडिंग
भारत में शिबा इनू की ट्रेडिंग वजीरएक्स एक्सचेंज के जरिये होती है. ब्यूटेरिन के ऐलान के बाद शिबा इनू के दाम में बड़ी गिरावट देखी जा रही है. वजीरएक्स के अलावा शिबा इनू (Shiba Inu) की ट्रेडिंग यूनीस्वैप और कॉइनडीसीएक्स से भी कर सकते हैं. यह एक्सचेंज इथीरियम और उस पर आधारित टोकन-कॉइन को बेचने और खरीदने का काम करता है. शिबा इनू को डॉलर या BUSD यानी कि बिनेंस यूएस डॉलर में ही खरीद और बेच सकते हैं.
बर्निंग का मतलब क्या है
ब्यूटेरिन ने शिबा इनू (shiba Inu holdings) को 'बर्न' करने की बात कही है. यहां बर्न से मतलब शिबा इनू को खत्म करना है. क्रिप्टो कॉइन को खत्म करने का भी एक प्रोसेस होता है जो पूरी तरह से डिजिटल होता है. शिबा इनू में पैसा लगाने वाले या बाकी लोगों को भी बर्निंग का प्रोसेस समझना चाहिए. कोई भी क्रिप्टो कॉइन या करंसी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से बनाई जाती है. यह सबकुछ एक कोड में होता है जो खरीदने वालों की कंपनी या उसके डेवलपर की ओर से दी जाती है. यह जानकारी पूरी तरह से सीक्रेट होती है और कोड के बारे में खरीदार और बेचने वाले को ही जानकारी होती है. कोड की हैकिंग न हो सके, इसके लिए अलग से वॉलेट बनाया जाता है जो इंटरनेट से जुड़ा नहीं होता.
इतने रुपये की खत्म होगी करंसी
बेचने वाले लोग इसी कोड को बेचते हैं और उसका ट्रांजेक्शन डॉलर आदि में करते हैं. शिबा इनू को बर्न किया जाएगा, यानी कि इसके कोड तक लोगों की पहुंच नहीं होगी. जो कॉइन पहले से है, वह बेकार हो जाएगी. अब तक 40 परसेंट शिबा इनू (shiba Inu holdings) बर्न कर दिया गया है. यह पूरी राशि 7 अरब डॉलर की है और इसमें 410 खरब कॉइन को खत्म किया गया है. ब्यूटेरिन के इस ऐलान के बाद निवेशकों में चिंता बढ़ गई है. निवेशकों को लग रहा है कि शिबा इनू का आगे क्या होगा और क्रिप्टोकरंसी कहां जाएगी.