भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़ी, 2018 से अब तक 209 प्रतिशत का इजाफा

Update: 2024-10-17 05:34 GMT
नई दिल्ली: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर को पार कर गया है, वहीं फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी में भी बड़ा इजाफा हुआ है। सोने की हिस्सेदारी 2018 से अब तक 209 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, भारत का स्वर्ण भंडार 4 अक्टूबर तक 65.76 बिलियन डॉलर है, जबकि 7 दिसंबर 2018 को यह 21.15 बिलियन डॉलर था। शक्तिकांत दास ने दिसंबर 2018 में आरबीआई गवर्नर का पद संभाला था।
उनके कार्यकाल में विदेशी मुद्रा में भी 78 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 7 दिसंबर, 2018 को 393.735 बिलियन डॉलर की तुलना में इस वर्ष 4 अक्टूबर को 701.176 बिलियन डॉलर हो गया है। केंद्रीय बैंक की “विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन पर अर्धवार्षिक रिपोर्ट” के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में रिजर्व बैंक की सोने की होल्डिंग 27.46 मीट्रिक टन बढ़कर 822.10 मीट्रिक टन हो गई। आरबीआई ने इस वर्ष ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना भी देश में मंगवाया है।
मूल्य के संदर्भ में देखें तो टोटल फॉरेन एक्सचेंज में सोने की हिस्सेदारी मार्च 2023 के अंत तक लगभग 7.81 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2024 के अंत तक लगभग 8.15 प्रतिशत हो गई। कुल स्वर्ण भंडार में से 408.31 मीट्रिक टन घरेलू स्तर पर रखा गया, जबकि 387.26 मीट्रिक टन बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के पास सुरक्षित रखा गया।
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, बुधवार को एमसीएक्स में सोने की कीमत 350 रुपये की बढ़त के साथ ऊंची रही, जबकि कॉमेक्स सोना 0.55 फीसदी की बढ़त के साथ 2,675 डॉलर से ऊपर कारोबार कर रहा था।
ट्रेडर्स को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती को लेकर कायम रहेगा। इससे येलो मेटल के प्रति तेजी का माहौल बना हुआ है, जो सितंबर में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। तब से सोना 2,600 डॉलर प्रति औंस के निम्न से मध्यम स्तर पर स्थिर हो रहा है, क्योंकि व्यापारियों को फेड की ओर से ब्याज दरों में कम कटौती की आशंका बनी हुई है। मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक स्थिति ने सोने की सुरक्षित मांग को और बढ़ा दिया है, जिससे इसकी गति में तेजी आई है।
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