चीनी कर्ज में फंसा श्रीलंका भारत से बढ़ा रहा करीबियां, 2.50 अरल डालर की मिली मदद

चीन की तरफ से 4.50 अरब डॉलर के कर्ज को चुकाने से राहत नहीं मिलने से आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका को भारत की 2.50 अरब डॉलर की मदद से बड़ी राहत मिली है।

Update: 2022-02-21 00:43 GMT

चीन की तरफ से 4.50 अरब डॉलर के कर्ज को चुकाने से राहत नहीं मिलने से आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका को भारत की 2.50 अरब डॉलर की मदद से बड़ी राहत मिली है। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे और पीएम महिंदा राजपक्षे कई वर्ष से चीन को श्रीलंका का सबसे अहम दोस्त साबित करने में जुटे थे। लेकिन, जब चीन ने असली रंग दिखाना शुरू किया, तो उन्हें भारत तारणहार नजर आ रहा है। नतीजे में अब श्रीलंका भारत से नजदीकियां बढ़ा रहा है।

17 जनवरी को श्रीलंका आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी से गोतबाया ने कर्ज माफ करने की गुहार लगाई थी। चीनी विदेश मंत्री ने बहुत चतुराई से राष्ट्रपति के अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि श्रीलंका इन अस्थायी कठिनाइयों को जल्द दूर करने में सफल होगा। हालांकि, चीन ने कर्ज के पुनर्गठन पर विचार का आश्वासन दिया था।

भारत से 2.50 अरब डालर की मदद मिलने के बाद बदले सुर

बहरहाल, फिच रेटिंग्स और मूडीज ने श्रीलंका की क्रेडिट रेटिंग को डाउनग्रेड कर दिया है, जिससे श्रीलंका की वैश्विक कर्जदाताओं से कर्ज लेने की क्षमता बदतर हो गई है। विदेशी मुद्रा भंडार खाली होने से कुछ हफ्तों से श्रीलंका ईंधन सहित जरूरी वस्तुओं के आयात नहीं कर पा रहा है। हाल में श्रीलंका के विदेश मंत्री जीएल पेइरिस ने भारत का दौरा कर मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद भारत ने श्रीलंका को 2.40 अरब डालर की सहायता दी। इसके बाद पिछले हफ्ते मंगलवार को भारत ने श्रीलंका को 40,000 मीट्रिक टन ईंधन की खेप भी सौंपी।

श्रीलंका की अर्थव्यवस्था की चाबी भारत के पास

भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंदा मोरगोदा कहते हैं कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था की चाबी भारत के पास है। भारत की मदद से ही श्रीलंका आर्थिक संकट से बाहर निकल सकता है। पर्यटन का श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में बड़ा हिस्सा है और श्रीलंकाई पर्यटन के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार रहा है।

चीन में सुप्रीम कोर्ट को दी इंटरनेट मसले पर चेतावनी

चीन के सर्वोच्च न्यायालय को साइबर स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएसी) ने इंटरनेट नियमों के उल्लंघन पर देश के सुप्रीम कोर्ट को कार्रवाई की चेतावनी दी है। सीएसी साइबर स्पेस नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई के लिए अधिकृत है। चीन इंटरनेट पर नियंत्रण के जरिये तय करता है कि नागरिकों तक वहीं सूचनाएं पहुंचे, जो यह चाहता है।


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