तीसरे महीने सर्विस सेक्टर में आई गिरावट, नौकरियों में और आई कमी

वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के प्रकोप और स्थानीय प्रतिबंधों के कारण व्यावसायिक गतिविधियों, नए ऑर्डर और रोजगार में बड़े पैमाने पर कमी के चलते जुलाई में सर्विस सेक्टर में गिरावट आई है.

Update: 2021-08-04 10:08 GMT

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत के सर्विस सेक्टर (Service Sector) में जुलाई में लगातार तीसरे महीने गिरावट आई. ऐसा कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के प्रकोप और स्थानीय प्रतिबंधों के कारण व्यावसायिक गतिविधियों, नए ऑर्डर और रोजगार में बड़े पैमाने पर कमी के चलते हुआ. भारत सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांकजुलाई में 45.4 अंक रहा, जो जून में 41.2 अंक था. परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार होता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है.

आईएचएस मार्किट (IHS Markit) में अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा, इस समय कोविड-19 महामारी (COVID-19) को लेकर बना माहौल सेवा क्षेत्र के प्रदर्शन पर भारी पड़ रहा है, जबकि यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जुलाई के आंकड़े कुछ हद तक निराशाजनक हैं, हालांकि गिरावट की रफ्तार कुछ कम हुई है.
सर्विस सेक्टर की नौकरियों में और कमी आई
सर्वेक्षण के मुताबिक कंपनियां पहली बार अगले एक साल में उत्पादन के लिए निराशावादी थीं. लीमा ने कहा, महामारी खत्म होने को लेकर अनिश्चितता के साथ ही मुद्रास्फीति के दबाव और वित्तीय परेशानियों ने जुलाई में कारोबारी विश्वास को कम किया. सर्विस प्रोवाइडर एक साल में पहली बार व्यावसायिक गतिविधि के परिदृश्य को लेकर निराशावादी थे. सर्वे के मुताबिक, इस दौरान सर्विस सेक्टर की नौकरियों में और कमी आई.
जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में आया उछाल
हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद जुलाई में आर्थिक गतिविधियों में सुधार आया है. जुलाई महीने के लिए भारत का मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स 55.3 रहा. जून के महीने में देश के अलग-अलग हिस्सों में लोकल लॉकडाउन के कारण यह इंडेक्स 48.1 रहा था. यह इंडेक्स जब 50 से ऊपर रहता है तो ग्रोथ को दिखलाता है, जबकि 50 से नीचे यह गिरावट को दिखाता है.
जुलाई के महीने में जीएसटी कलेक्शन फिर से एक लाख करोड़ के पार रहा. जुलाई के महीने में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 16 हजार 393 करोड़ रहा. सालाना आधार पर इसमें 33 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. लगातार आठ महीने तक जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ पार रहा था, लेकिन जून के महीने में यह 92,849 करोड़ रहा था.


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