Sebi ने Digital Gold खरीदने से इन निवेशकों को किया मना, जानिए इसकी वजह
मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने निवेश सलाहकारों से डिजिटल सोने में कारोबारी गतिविधियों में शामिल होने से मना किया। सेबी ने पाया था कि कुछ सलाहकार डिजिटल सोना खरीदने बेचने या कारोबार करने के लिए एक मंच प्रदान कर रहे है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेश सलाहकारों (financial advisors) से डिजिटल सोने में कारोबारी गतिविधियों में शामिल होने से मना किया। सेबी ने पाया था कि कुछ पंजीकृत निवेश सलाहकार डिजिटल सोना समेत अनियमित उत्पादों को खरीदने, बेचने या कारोबार करने के लिए एक मंच प्रदान कर रहे है। इसके बाद उसकी तरफ से यह बयान आया है। नियामक ने एक बयान में कहा, "निवेश सलाहकारों द्वारा डिजिटल सोने में लेनदेन सहित ऐसी अनियमित गतिविधियों में शामिल होना सेबी अधिनियम, 1992 के प्रावधानों तथा सेबी (निवेश सलाहकार) विनियमन, 2013 के अनुरूप नहीं है।"
इसी के तहत बाजार नियामक सेबी ने निवेश सलाहकारों से इस तरह की अनियमित गतिविधियां करने या उनमें शामिल होने से बचने के लिए कहा है। सेबी ने कहा है कि निवेश सलाहकारों द्वारा अनियमित गतिविधियों में किसी भी तरह के व्यवहार पर नियामक के अधिनियम और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इससे पहले, अगस्त में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने शेयर ब्रोकर समेत अपने सदस्यों को 10 सितंबर तक अपने मंच से डिजिटल सोने की बिक्री बंद करने का निर्देश दिया था।
दूसरी तरफ बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कमोडिटी डेरिवेटिव ब्रोकर के रूप में पंजीकरण के लिए इंवेस्टस्मार्ट कमोडिटीज लिमिटेड के आवेदन को खारिज कर दिया है। सेबी ने कहा कि आवेदन उचित मानदंडों को पूरा करने में विफल रहा, क्योंकि उसने अपने ग्राहकों को बंद हो चुके नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) पर अनधिकृत युग्मित सौदों में कारोबार की सुविधा दी।
सेबी ने कहा कि इंवेस्टस्मार्ट कमोडिटीज ने युग्मित अनुबंधों के लिए एक मंच मुहैया करके अपने ग्राहकों को एक ऐसे उत्पाद के कारोबार में शामिल किया, जिसे नियामक की मंजूरी नहीं मिली थी, जिससे उसकी पंजीकृत ब्रोकर के रूप में काम करने की क्षमता पर संदेह पैदा हो गया।