देश में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस, जानें क्या है प्लान?

Update: 2021-10-01 08:59 GMT

नई दिल्ली: स्टारलिंक इंडिया दिसंबर 2022 तक देश में 2,00,000 एक्टिव टर्मिनल्स के साथ अपनी सैटेलाइट कम्यूनिकेशन (सैटकॉम) सेवा शुरू करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. इसके लिए कंपनी को सरकारी मंजूरी का इंतजार है. कंपनी ने कहा है कि सरकार की बिना मंजूरी के एक्टिव टर्मिनल्स की संख्या इससे कम होगी. ये संख्या शून्य भी हो सकती है.

SpaceX में स्टारलिंक इंडिया के कंट्री डायरेक्टर संजय भार्गव ने शुक्रवार को एक लिंक्डइन पोस्ट में लिखा है कि हमारी कोशिश रहेगी कि दिसंबर 2022 तक भारत में 200000 एक्टिव टर्मिनल्स बन जाएं. अगर हमें सरकार की मंजूरी नहीं मिलती है तो वास्तविक संख्या उससे बहुत कम या शून्य भी हो सकती है. साथ ही इसकी संभावना भी कम है कि संख्या 200000 से आगे जाए.
भार्गव ने आगे लिखा है कि स्टारलिंक कई देशों में है और भारत से हमारे पास जितने ज्यादा प्री-ऑर्डर होंगे. हमारे लिए सरकारी मंजूरी पाना और स्पेसएक्स में भारत को प्राथमिकता देना उतना ही आसान होगा.
भार्गव ने लिखा है कि सरकार की मंजूरी की प्रक्रिया थोड़ी कठिन है. अगर पैन इंडिया की मंजूरी में लंबा समय लगता है, तो हमारी कोशिश रहेगी कि पायलट अप्रूवल जल्दी से मिल जाए. हमें उम्मीद है कि आने वाले महीनों में मंजूरी मिल सकती है.
आपको बता दें संजय भार्गव ने बुधवार से स्टारलिंक इंडिया के चीफ का चार्ज लिया. पहले उन्होंने टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के साथ इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट कंपनी, Paypal की फाउंडिंग टीम के हिस्से के रूप में काम किया है.
आपको बता दें Starlink, Elon Musk की एक कंपनी है जो SpaceX फर्म के जरिए ऑपरेट होती है. इस नई सर्विस के जरिए मस्क दुनियाभर में लोगों को सैटेलाइट के जरिए हाई स्पीड इंटरनेट पहुंचाना चाहते हैं. इसके आने से ज्यादा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों को होगा, जहां अभी तक इंटरनेट की पहुंच नहीं है.
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