भविष्य को ध्यान में रखकर Hydrogen फ्यूल ईंधन तैयार कर रही रिलायंस इंडस्ट्रीज

देश के कार्बन मुक्त ईंधन की तरफ बढ़ने के साथ देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी की कंपनियों से लेकर सरकार के स्वामित्व वाली पेट्रोलियम यूनिट इंडियन ऑयल तथा विद्युत उत्पादक एनटीपीसी जैसी भारतीय कंपनियों ने हाइड्रोजन को फ्यूल के रूप में अपनाने की महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है.

Update: 2021-08-16 02:31 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश के कार्बन मुक्त ईंधन की तरफ बढ़ने के साथ देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी की कंपनियों से लेकर सरकार के स्वामित्व वाली पेट्रोलियम यूनिट इंडियन ऑयल तथा विद्युत उत्पादक एनटीपीसी जैसी भारतीय कंपनियों ने हाइड्रोजन को फ्यूल के रूप में अपनाने की महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है.

हाइड्रोजन दुनिया की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए चर्चा के केंद्र में है. ऊर्जा का सबसे स्वच्छ रूप होने के कारण, इसे प्राकृतिक गैस, बायोमास, और नवीकरणीय स्रोत जैसे सौर एवं पवन ऊर्जा जैसे विभिन्न संसाधनों से उत्पादित किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल कारों में, घरों में, पोर्टेबल बिजली के लिए और कई अन्य चीजों में किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री ने की राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की घोषणा
निस्संदेह, दुनिया के अन्य स्थानों की तरह भारत में भी इसका महत्व बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, 'ग्रीन हाइड्रोजन दुनिया का भविष्य है. आज मैं (भारत को) ग्रीन हाइड्रोजन का नया वैश्विक केंद्र और इसका सबसे बड़ा निर्यातक बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन शुरू किए जाने की घोषणा करता हूं.'
मिशन की घोषणा पहली बार फरवरी में चालू वित्त वर्ष के केंद्रीय बजट में की गई थी और तब से कंपनियां एक के बाद एक परियोजनाओं की घोषणा कर रही हैं. लेकिन न तो कंपनियों की घोषणाओं में और न ही रविवार को पीएम मोदी के संबोधन में प्रोडक्शन या क्षमता के लक्ष्यों के बारे में कुछ कहा गया.
2035 तक जीरो-कार्बन कंपनी बनना चाहती है रिलायंस
परिवहन क्षेत्र के अलावा, हाइड्रोजन का कई क्षेत्रों जैसे कि केमिकल्स, आयरन और स्टील, हीटिंग और बिजली में इस्तेमाल किया जा सकता है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष अंबानी ने हाल ही में 2035 तक शुद्ध कार्बन-शून्य कंपनी बनने के अपनी कंपनी के लक्ष्य के तहत हाइड्रोजन से जुड़ी योजनाओं की घोषणा की.
उन्होंने बीते 24 जून को अपने शेयरधारकों से कहा था, 'रिलायंस कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का उपयोगकर्ता बना रहेगा, लेकिन हम अपने कार्बन (CO) को उपयोगी प्रोडक्ट्स और केमिकल्स में बदलने के लिए नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
अंबानी ने कहा था, 'रिलायंस के पास व्हीकल फ्यूल को मूल्यवान पेट्रोकेमिकल और सामग्री निर्माण खंडों में बदलने के लिए स्वामित्व वाली तकनीक भी है. साथ ही, हम परिवहन ईंधन की जगह स्वच्छ बिजली और हाइड्रोजन लाएंगे.'
अडाणी ने हाइड्रोजन के लिए की इटली की कंपनी से साझेदारी
मार्च में, अडाणी समूह ने भी भारत में ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं को विकसित करने के लिए इटली की ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी कंपनी मैयर टेक्निमोंट के साथ साझेदारी की घोषणा की थी.
भारत की 25 करोड़ टन तेल शोधन क्षमता का लगभग एक तिहाई नियंत्रण करने वाली इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) उत्तर प्रदेश की अपनी मथुरा रिफाइनरी में एक ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का निर्माण करने की योजना बना रही है.
देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने भी लद्दाख के लेह में भारत का पहला ग्रीन हाइड्रोजन स्टेशन स्थापित करने की घोषणा की है. कंपनी देश में सिटी गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क में इस्तेमाल के लिए प्राकृतिक गैस के साथ हाइड्रोजन के मिश्रण की एक पायलट परियोजना शुरू करने की योजना बना रही है.


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