RBI ने DBS इंडिया और लक्ष्मी विलास बैंक की अंतिम विलय योजना अगले सप्ताह तक टाली
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डीबीएस इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के अंतिम विलय की पक्की योजना की घोषणा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डीबीएस इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के अंतिम विलय की पक्की योजना की घोषणा को संभवत: अगले सप्ताह के लिए टाल दिया है। पहले केंद्रीय बैंक यह योजना शुक्रवार को जारी करने वाला था। केंद्रीय बैंक के एक अधिकारी के अनुसार, रिजर्व बैंक के अगले सप्ताह ऐसा करने की संभावना है।
17 नवंबर को जारी किया था विलय का मसौदा
रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के ऊपर पाबदियां लगाने के साथ ही 17 नवंबर को उसके विलय का मसौदा भी जारी किया था। रिजर्व बैंक ने कहा था कि वह 20 नवंबर को अंतिम विलय योजना जारी करेगा। हालांकि 20 नवंबर की रात 10 बजे तक रिजर्व बैंक ने अंतिम योजना जारी नहीं की। रिजर्व बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब यह योजना अगले सप्ताह की शुरुआत में जारी की जाएगी।
प्रवर्तकों के पास 6.8 फीसदी हिस्सेदारी
लक्ष्मी विलास बैंक में प्रवर्तकों के पास महज 6.8 फीसदी हिस्सेदारी है। इसमें 4.8 फीसदी हिस्सेदारी केआर प्रदीप के पास तथा शेष दो फीसदी हिस्सेदारी अन्य तीन प्रवर्तक परिवारों एन राममित्रम, एनटी शाह और एसबी प्रभाकरन के पास है। बैंक में इंडियाबुल्स हाउसिंग की अगुवाई वाले संस्थागत निवेशकों की 20 फीसदी से कुछ अधिक तथा खुदरा शेयरधारकों की 45 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है।
अन्य संस्थागत निवेशकों के पास इतनी हिस्सेदारी
अन्य संस्थागत निवेशकों में प्रोलिफिक फिनवेस्ट (3.36 फीसदी), श्रेई इंफ्रा फाइनेंस (3.34 फीसदी), कैपरी ग्लोबल एडवाइजरी सर्विसेज (2 फीसदी), एमएन दस्तूर एंड कंपनी (1.89 फीसदी), कैपिटल ग्लोबल होल्डिंग्स (1.82 फीसदी), ट्रिनिटी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (1.61 फीसदी), बॉयेंस इंफ्रास्ट्रक्चर (1.36 फीसदी) और एलआईसी (1.32 फीसदी) शामिल हैं।