RBI गवर्नर ने पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने के लिए सरकार को दी सलाह, कहा- 'कम करें टैक्स'

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से जनता त्रस्त हो गई है.

Update: 2021-07-08 17:25 GMT

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से जनता त्रस्त हो गई है. गुरुवार को सीनएजी और पीएनजी के दाम में हुई वृद्धि से मुसीबत और बढ़ गई है. ऐसे में ईंधन की कीमत को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सरकार को सलाह दी है. उनका कहना है कि ईंधन पर टैक्स घटाने से कीमतों में कमी आ सकती है.

आरबीआई गवर्नर के अनुसार केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति (inflation) को नियंत्रण में करना चाहता है. उसका फोकस अर्थव्यवस्था (economy) को फिर से विकास की पटरी पर लाना है. इसलिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रहे इजाफे पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है.
शक्तिकांत दास ने कहा, "हमें यह पता है और हम इसे लेकर संवेदनशील हैं कि मौद्रिक पॉलिसी के रुख में बदलाव करने से इकोनॉमिक रिकवरी (Economic Recovery) पर खराब असर पड़ सकता है. मगर हम महंगाई पर भी लगाम लगाना चाहते हैं. इसलिए हम इसे मध्यम अवधि के लिए तय लक्ष्य के करीब बनाए रखना चाहते हैं."
गवर्नर ने बताया कि आरबीआई मुद्रस्फीति के अनुमान को कोरोना से पहले के 4 फीसदी के स्तर के करीब रखना चाहता है. मगर वैश्विक बाजार (world market) में कच्चे तेल (crude oil) की कीमतें बढ़ रही हैं. इसके चलते देश में मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ रहा है. साथ ही पेट्रोल और डीजल पर काफी ज्यादा टैक्स है. ऐसे में अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की पॉलिसी का असर भारत सहित सभी अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ेगा.
आरबीआई गवर्नर के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserve) आत्मविश्वास बढ़ाता है, लेकिन अभी भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 609 अरब डॉलर है. यह 15 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है. साथ ही इससे देश पर कुल बाहरी कर्ज का भुगतान किया जा सकता है. मगर भविष्य के लिए बेहतर नीतियां अपनाए जाने की जरूरत है.
इस दौरान उन्होंने कोरोना महामारी के पहले चरण में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की सराहना भी की. उन्होंने कहा पिछले महीने सरकार ने छोटे कारोबारों के लिए भी बैंक लोन पर गारंटी का ऐलान किया. इससे निवेशकों के लिए अनिश्चितता में कमी आएगी और ग्रोथ (Growth) को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा स्वास्थ्य और पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए गए हैं, इससे लाभ होने की उम्मीद है.
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