RBI ने दी अनुमति! NBFC, Aadhaar e-KYC का लाइसेंस पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर भी ले सकेंगे, जानिए
मई, 2019 में वित्त मंत्रालय ने बैंकिंग कंपनियों को छोड़कर अन्य इकाइयों द्वारा आधार सत्यापन सेवाओं के इस्तेमाल के लिए आवेदन को विस्तृत प्रक्रिया जारी की थी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनिया (NBFCs) और पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स (Payment System Providers) आधार ई-केवाईसी सत्यापन लाइसेंस (Aadhaar e-KYC licence) के लिए केंद्रीय बैंक के पास आवेदन कर सकते हैं. मई, 2019 में वित्त मंत्रालय ने बैंकिंग कंपनियों को छोड़कर अन्य इकाइयों द्वारा आधार सत्यापन सेवाओं के इस्तेमाल के लिए आवेदन को विस्तृत प्रक्रिया जारी की थी.
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के प्रावधानों के अनुसार, बैंकिंग कंपनियों के अलावा अन्य संस्थाओं को, केंद्र सरकार की अधिसूचना द्वारा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा प्रदान की गई ई-केवाईसी सुविधा का उपयोग करके ग्राहक के आधार नंबर को प्रमाणित करने की अनुमति दी जा सकती है.
RBI के पास करना होगा आवेदन
रिजर्व बैंक की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि एनबीएफसी (NBFCs) , पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स और पेमेंट सिस्टम पार्टिसिपेंट्स आधार वेरिफिकेशन लाइसेंस-केवाईसी यूजर एजेंसी (KUA) लाइसेंस या सब-केयूए लाइसेंस के लिए विभाग को आवेदन कर सकते हैं जिसे आगे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के पास भेजा जाएगा.
केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया कि इस तरह की अधिसूचना यूआईडीएआई और उपयुक्त नियामक के परामर्श के बाद ही जारी की जाएगी. बैंकिंग कंपनियों के अलावा अन्य संस्थाओं द्वारा आधार प्रमाणीकरण सेवाओं के उपयोग के लिए पीएमएलए प्रावधानों के तहत आवेदनों के प्रसंस्करण के लिए एक विस्तृत प्रक्रिया राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा अपने परिपत्र दिनांक 9 मई, 2019 में प्रदान की गई है.
आवेदन केंद्रीय बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए फॉर्मेट में आरबीआई को ई-मेल के माध्यम से भेजने होंगे.
RBI ने KYC को लेकर जारी किया अलर्ट
RBI ने सोमवार को केवाईसी (KYC) वेरिफिकेशन किये जाने के नाम पर की जा रही धोखाधड़ी को देखते हुये लोगों को आगाह किया. केन्द्रीय बैंक ने लोगों से अपने खाते का ब्योरा या पासवर्ड जैसी महत्वपूर्ण सूचना किसी अपरिचित व्यक्ति अथवा एजेंसियों के साथ साझा नहीं करने की सलाह दी है.
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि उसे केवाईसी वेरिफिकेशन के नाम पर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी को लेकर शिकायतें/रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं.
ऐसे होता है फ्रॉड
इस तरह की धोखाधड़ी में आम तौर पर केवाईसी वेरिफिकेशन को लेकर कॉल, SMS, ई-मेल आदि ग्राहकों को प्राप्त होते हैं और उनसे व्यक्तिगत जानकारी, खाता/ लॉग-इन ब्योरा, कार्ड सूचना, पिन, ओटीपी आदि मांगे जाते हैं. इसमें केवाईसी अद्यतन के लिये भेजे गये लिंक के जरिये अनधिकृत एप्लीकेशन डाउनलोड करने को कहा जाता है.
आरबीआई के अनुसार उसे यह भी रिपोर्ट मिली है कि फोन अथवा संदेश देने वाले ग्राहकों को ऐसा नहीं करने पर खाता बंद होने की चेतावनी भी देते हैं.
बयान में कहा गया है कि एक बार ग्राहक कॉल/संदेश/अनधिकृत एप्लीकेशन के माध्यम से सूचना साझा करते हैं, धोखाधड़ी करने वालों को संबंधित व्यक्ति के खातों तक पहुंच हो जाती है.