इतने रुपये कम हुए सरसों तेल के दाम, सरकार अभी से करे ये इंतजाम, वरना छोटे किसानों को होगी परेशानी

इस सीजन में किसानों को सरसों के दाम अच्छे मिले हैं.

Update: 2021-06-25 03:07 GMT

विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच स्थानीय मांग कमजोर रहने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में गुरुवार को अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव में हानि दर्ज हुई. बेहद कमजोर मांग की वजह से सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सीपीओ सहित लगभग सभी तेल तिलहनों में गिरावट आई. बाजार सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को शिकॉगो एक्सचेंज में दो प्रतिशत और मलेशिया एक्सचेंज में 0.6 प्रतिशत की गिरावट रही, लेकिन मांग बेहद कमजोर रहने से लगभग सभी तेल तिलहनों के भाव हानि दर्शाते बंद हुए.

उन्होंने कहा कि देश में सरसों की दैनिक खपत साढ़े तीन से चार लाख बोरी की है लेकिन 'ऑफसीजन' खत्म होने के बाद आगे जाकर इसकी मांग काफी बढ़ेगी. व्यापारियों के पास सरसों नहीं है और तेल मिलों के पास सीमित मात्रा में सरसों उपलब्ध है.
सरसों की बुवाई के समय रखना होगा यह ध्यान
उन्होंने कहा कि अक्टूबर नवंबर के महीने में सरसों की बिजाई होगी और सरकार को दो तीन महीने पहले से ही सरसों बीज का इंतजाम रखना होगा, क्योंकि डर यह है कि बिजाई के ऐन मौके पर छोटे किसानों को सरसों बीज के लिए सरसों की किल्लत न हो.
उन्होंने कहा कि सोयाबीन तेल की कमी होने की स्थिति में तो विकल्प के बतौर किसी अन्य खाद्यतेल का विदेशों से आयात भी किया जा सकता है. मगर सरसों का कोई विकल्प नहीं है. इसलिए सरकार को अभी से इसका इंतजाम देखना होगा ताकि बाजार में आपूर्ति बनी रहे. बिजाई के समय सरसों बीज की कमी की स्थिति का सामना नहीं करना पड़े.
सूत्रों ने कहा कि इस वर्ष किसानों को जो सरसों के अच्छे दाम मिले हैं, उससे इसकी अगली पैदावार काफी बढ़ने की उम्मीद है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार गेहूं की जगह किसान सरसों की बुवाई पर जोर दे सकते हैं.
रोक के बाद मिला 'ब्लेंडिंग' का मामला
सूत्रों ने कहा कि खाद्य नियामक FSSAI नियमित तौर पर सरसों में मिलावट की जांच के लिए नमूने एकत्रित कर रहा है. जिस वजह से उपभोक्ताओं को शुद्ध सरसों तेल खाने को मिल रहा है. छापे के दौरान बिहार के पटना में सरसों में 'ब्लेंडिंग' किए जाने का पता लगा है जिस पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. किसान रोक रोक कर बाजार में अपना उत्पाद ला रहे हैं.
इतने रुपये कम हुए सरसों तेल के दाम
सरसों दाना के भाव में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है. वहीं, सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतों में प्रति टिन 14 रुपये कमी देखने को मिली. सरसों तेल दादरी भी 100 रुपये कम हो कर 14,200 रुपये प्रति क्विंटल बिका. इस सीजन में किसानों को सरसों के दाम अच्छे मिले हैं.
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन – 7,225 – 7,275 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये.
सरसों तेल दादरी- 14,200 रुपये प्रति क्विंटल.
सरसों पक्की घानी- 2,290 -2,340 रुपये प्रति टिन.
सरसों कच्ची घानी- 2,390 – 2,490 रुपये प्रति टिन.

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