नई दिल्ली: पिछले साल अप्रैल से नवंबर के दौरान भारत के नेट टैक्स रेवेन्यू (Net Tax Revenue) में 65 फीसदी का इजाफा देखने को मिला. सोमवार को संसद में पेश किए गए इकोनॉमिक सर्वे के डेटा में इस बात का उल्लेख किया गया है. इसमें कहा गया है कि अप्रैल से नवंबर के दौरान पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 47.2 फीसदी बढ़ा है. वहीं, 2020 के अप्रैल से नवंबर के मुकाबले 2021 के अप्रैल से नवंबर के दौरान कॉरपोरेट इनकम टैक्स में 90.4 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. इस अवधि में कॉरपोरेट इनकम टैक्स कलेक्शन में 90.4 फीसदी का ग्रोथ देखने को मिला. 2019 के मुकाबले अप्रैल-नवंबर के मुकाबले में इसमें 22.5 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली.
सरकार की आमदनी का स्रोत
सरकार की आमदनी का मुख्य स्रोत टैक्स और नॉन-टैक्स रेवेन्यू है. सरकार डायरेक्ट या इनडायरेक्ट टैक्स के जरिए आमदनी जुटाती है. डायरेक्ट टैक्स में इनकम टैक्स, रियल प्रोपर्टी टैक्स, पर्सनल प्रोपर्टी टैक्स या एसेट्स पर टैक्स आते हैं. दूसरी ओर, जीएसटी, कस्टम ड्युटी और टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) इनडायरेक्ट टैक्स में आते हैं.
वहीं, टैक्स के अलावा अन्य स्रोत से होने वाली रेकरिंग इनकम है. इस आय में ब्याज और लाभांश तथा पब्लिक सेक्टर कंपनियों से होने वाली आय शामिल है. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का पूरा स्वरूप ही चेंज हो गया है.
पिछले वित्त वर्ष में इस तरह हुई कमाई
फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में सरकार को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के रूप में 28.5% कमाई हुई. वहीं, कॉरपोरेट टैक्स के जरिए 28.1 फीसदी और पर्सनल इनकम टैक्स के जरिए 28.3 फीसदी की कमाई हुई.
जानिए इकोनॉमिक सर्वे में क्या कहा गया है
कॉरपोरेट कंपनियों का मुनाफा बढ़ने, इकोनॉमी को संगठित किए जाने और टैक्स रिफॉर्म की वजह से ज्यादा लोगों के अनुपालन करने से सरकार का कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन बढ़ा है. इसके साथ ही जीएसटी को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर सरकार के कमाई के आंकड़े पर पड़ा है.