आरबीआई ने लिक्विडिटी बढ़ाने के दिए संकेत, टैरिफ अनिश्चितता जल्द होगी समाप्त
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) क्रेडिट को आसान बनाने पर फोकस कर रहा है और बैंकिंग प्रणाली में पर्याप्त लिक्विडिटी सुनिश्चित करने के लिए आगे भी कदम उठाएगा। यह बयान शनिवार को केंद्रीय बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने दिया।
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी ट्रे़ड टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता जल्द ही आने वाले महीनों में समाप्त हो जाएगी। राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए मल्होत्रा ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक रुपये के लिए किसी मूल्य बैंड को टारगेट नहीं कर रहा है, बल्कि अत्यधिक अस्थिरता को रोकने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा, "हमने लिक्विडिटी के लिए प्रावधान किया है और आगे भी हम बैंकिंग प्रणाली की लिक्विडिटी संबंधी जरूरतों के प्रति चुस्त, दुरुस्त और सतर्क रहेंगे।" मल्होत्रा ने आगे कहा कि रुपये में गिरावट का अधिकांश कारण अमेरिकी टैरिफ घोषणाएं और वैश्विक अनिश्चितताएं हैं और उम्मीद है कि इसमें कमी आएगी और हमें रुपये में गिरावट से निपटने में मदद मिलेगी।
आरबीआई गवर्नर की ओर से बयान ऐसे समय पर आया है जब केंद्रीय बैंक द्वारा हाल ही में रेपो रेट को 25 आधार अंक घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है। केंद्रीय बैंक ने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 26 में जीडीपी ग्रोथ 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। खुदरा महंगाई दर चालू वित्त वर्ष में 4.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 26 में 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
मल्होत्रा के मुताबिक, इनकम टैक्स में छूट बढ़ने के बाद रेपो रेट में कटौती से खपत को बढ़ावा मिलेगा। आरबीआई रुपये के मूल्य में किसी भी गिरावट के प्रति भी सतर्क रहेगा, जिससे महंगाई बढ़ सकती है।