India Foreign reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जोरदार उछाल, RBI के खजाने में भरा है 613 अरब डॉलर

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 16 जुलाई, 2021 को समाप्त सप्ताह में 83.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 612.73 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया

Update: 2021-07-24 03:03 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 16 जुलाई, 2021 को समाप्त सप्ताह में 83.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 612.73 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े के मुताबिक नौ जुलाई को समाप्त इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.883 अरब डॉलर बढ़कर 611.895 अरब डॉलर हो गया था.

रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़े के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की वजह विदेशी मुद्रा संपत्तियों (Foreign currency assets) में हुई बढ़ोतरी है जो समग्र भंडार का प्रमुख घटक है. इस दौरान एफसीए 46.3 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 568.784 अरब डॉलर हो गया. डॉलर के लिहाज से बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है.

गोल्ड रिजर्व में 37.7 करोड़ डॉलर की तेजी
आंकड़े के मुताबिक इस दौरान स्वर्ण भंडार 37.7 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 37.333 अरब डॉलर हो गया. वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास मौजूद विशेष आहरण अधिकार (SDR with IMF) 10 लाख डॉलर बढ़कर 1.548 अरब डॉलर हो गया. रिजर्व बैंक ने बताया कि आलोच्य सप्ताह के दौरान आईएमएफ के पास मौजूद भारत का विदेशीमुद्रा भंडार 70 लाख डॉलर घटकर 5.1 अरब डॉलर रह गया
इकोनॉमी सपोर्ट के लिए विदेशी मुद्रा भंडार जरूरी

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार बहुत जरूरी है. आर्थिक जानकारों का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया शेयर बाजार में आ रहे पैसे और FDI को लगातार अपने कंटिजेंसी फंड में जमा कर रहा है. कोरोना संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्ता के लिए यह जरूरी है. अगर आरबीआई के पास पर्याप्त भंडार होगा तो क्रेडिट रेटिंग पर सकारात्मक असर होगा और इससे निवेशकों की धारणा भी मजबूत होगी. भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय निवेशकों को खुली बाहों से स्वागत कर रही है.

15 महीने तक आयात के लिए भारत सक्षम
इस समय भारत 15 महीने तक आयात करने में सक्षम है. जापान के पास 22 महीने का भंडार है. भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार चीन, जापान, स्विटजरलैंड और रूस के बाद सबसे ज्यादा है. स्वीटजरलैंड के पास 39 महीने तक आयात करने की क्षमता है. आर्थिक जानकारों का कहना है कि कोरोना संकट से जब देश की इकोनॉमी बाहर निकलेगी तो आयात में तेजी आएगी और उस समय के लिए यह फंड बहुत जरूरी है.


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