इस तरह जान सकते हैं यूज्ड टू-व्हीलर की कीमत, कम खर्च में मिलेगा अच्छी कंडीशन वाला वाहन...
कोरोनावायरस महामारी के बाद देश धीरे-धीरे अनलॉक हो गया है, तो इसकी संभावना है कि सुरक्षा की नजर से आपको मैट्रो,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोरोनावायरस महामारी के बाद देश धीरे-धीरे अनलॉक हो गया है, तो इसकी संभावना है कि सुरक्षा की नजर से आपको मैट्रो, बस या अन्य किसी सार्वजनिक परिवहन के साधन से यात्रा करने में झिझक महसूस हो। ऐसे समय में आप अपना वाहन चलाते समय और ज्यादा सहज और सुरक्षित महसूस करेंगे। ऐसा सोचने वाले आप अकेले नहीं हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, 70 प्रतिशत से ज्यादा भारतीय यातायात के सार्वजनिक साधनों का उपयोग ना करने की कोशिश करेंगे और इसकी अपेक्षा किसी निजी वाहन को तरजीह दे रहे हैं।
अगर आपको भी ऐसा लगता है कि शुरुआत के लिए सेकेंड-हैंड बाइक खरीदना सही रहेगा, तो जाहिर सी बात है दिमाग में कई सवाल आ रहे होंगे कि कौन सी गाड़ी लेनी चाहिए और जितनी कीमत आप दे रहे हैं, क्या उस वाहन के लिए वह कीमत सही है?
देश के महानगरों में ऑनलाइन सर्च में हाल ही में यूज्ड टू-व्हीलर की मांग में लगभग 200% की वृद्धि देखी गई है। अगर आप पहली बार यूज्ड टू-व्हीलर खरीद रहे हैं, तो उसकी कीमत तय करने के चक्कर में उलझना स्वाभाविक है।
भारत में बड़े स्तर पर असंगठित बाजार में 20 करोड़ से ज्यादा यूज्ड टू-व्हीलर हैं, जिनकी कीमत का कोई मानक तय नहीं है जिससे सही यूज्ड टू-व्हीलर चुनना एक मुश्किल काम बन गया है। ऐसी स्थिति में, आप यह कैसे तय करते हैं कि क्या यूज्ड टू-व्हीलर का अच्छा सौदा कर रहे हैं या नहीं? अगर आप भी अगर तय नहीं पा रहे हैं कि आप कैसे यूज्ड व्हीकल के लिए अच्छी डील हासिल की जा सकते हैं तो आज हम आपके लिए यूज्ड टू-व्हीलर प्लेटफॉर्म क्रेडआर के चीफ स्ट्रेटेजी ऑफिसर शशिधर नंदीगम के द्वारा दी गई कुछ टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे आप यूज्ड व्हीकल की अच्छी डील हासिल कर सकते हैं।
सबसे पहले आपको ये सोचना होगा कि वाहन का उपयोग किस काम के लिए करेंगे, चाहे वह रोज आने-जाने के लिए हो या फिर वाहन को कभी-कभी घूमने के लिए खरीदना चाहते हैं। हर संभावना में आप यूज्ड टू-व्हीलर की तलाश इंटरनेट पर सर्च से शुरू करेंगे। बहुत जल्द आपके फोन पर हर श्रेणी के विज्ञापनों का अंबार लग जाएगा। जब ये पता चलेगा कि आप क्या तलाश रहे हैं, तो यह निर्णय करना होगा कि आप किस श्रेणी का वाहन लेना चाहते हैं। यह बहुत हद तक आपके बजट पर निर्भर करता है
सामान्य थंब रूल के अनुसार, वाहन जितना नया होगा, उसकी कंडीशन उतनी ही अच्छी होगी। इसी पर वाहन की कुल कीमत भी निर्भर करती है। यूज्ड टू-व्हीलर की कीमत सिर्फ आसान गुणा-भाग करके निकाली जा सकती हैः वाहन की मैन्युफेक्चरिंग के साल का उपयोग कर कीमत पता करते हैं। किसी टू-व्हीलर में पहले साल उसकी वास्तविक कीमत की 30-40% गिरावट आती है।
तो, ऐसे मानिए, आपको अगर बाजार में 2018 की हॉन्डा एक्टिवा मिलती है, तो एक आसान गणना कर सकते हैं। जैसे 68,000 (एक्स-शोरूम कीमत) *0.7 = 47,600 (बेंचमार्क कीमत)। अगर वाहन अच्छी स्थिति में है, ज्यादा नहीं चला है और उसके सभी पार्ट्स काम कर रहे हैं तो यह उस वाहन की अच्छी कीमत है। इससे वाहन की कुल कीमत निकालने में आपको मदद मिलेगी। हालांकि यहां कई अन्य पहलुओं पर भी नजर डालनी होगा।
वाहन का फिजिकल निरीक्षण करके आप यह बेहतर तरीके से समझ सकेंगे कि आपको किस चीज़ से सावधान रहना चाहिए। अगर टू-व्हीलर्स की ज्यादा जानकारी नहीं है तो वाहन की बारीक जानकारी रखने वाले व्यक्ति को साथ ले जाना हमेशा से अच्छा रहेगा। साथ ही, दूसरों की राय लेने में कोई नुकसान नहीं है।
फिजिकल निरीक्षण करते समय, आपको वाहन की यांत्रिकीय खामियों- ब्रेक्स, तेल रिसाव, जंग, स्क्रैच, माइलेज, कितने किलोमीटर चली है और दुर्घटना से होने वाले नुकसान व अन्य की जानकारी होनी चाहिए। इन खामियों के कारण के कीमत में मोलभाव कर सकेंगे। अगर कोई खामी है तो उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि आपको इनसे कोई परेशानी है या नहीं है। वहीं दूसरी तरफ, अगर वाहन के प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए उसकी मरम्मत की गई है तो इससे वाहन की कीमत बढ़ सकती है।
टेस्ट राइड लेना बहुत जरूरी है, जिससे आप ये जान सकते हैं कि जिस वाहन को खरीदा जा रहा है वो आपके लिए आरामदायक है या नहीं। फिजीकल निरीक्षण के बाद उन्हें जरूरी दस्तावेज जिसमें आरसी (रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र), एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) और पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र) और सर्विस बुक की जांच करनी चाहिए। किसी भी दस्तावेज की कमी से वाहन की कुल कीमत में भारी गिरावट हो सकती है और इससे आपको मोलभाव करने में मदद मिल सकती है।
कुल मिलाकर सेकेंड-हैंड वाहन खरीदना एक अच्छा सौदा है क्योंकि इससे वह काफी रुपये बचा सकेंगे। जब आपको ड्रीम व्हीकल मिल जाता है तो सौदे की बात करते समय तर्कसंगत बात करनी चाहिए। अगर आपको लगे कि कि डील मन मुताबिक़ नहीं है तो आप अगले वाहन को देख सकते हैं। वाहन खरीदा पूरी तरह से आप के ऊपर निर्भर है। डील फाइनल करते समय आपको याद रखना चाहिए कि बाइक का कितनी अच्छी तरह ख्याल रखा गया है। वाहन बेचने वाला बाइक की देखभाल में सालों का समर्पण औऱ पैसा लगाता है और उसके लिए कुछ ज्यादा रुपये मांग सकता है। और कभी-कभी मन की शांति के लिए कुछ अतिरिक्त रुपये देना सही भी हो जाता है।