रेल यात्रियों के जरूरी खबर, Railway सुरक्ष‍ित सफर के ल‍िए कर रहा बड़ा बदलाव

ज्‍यादा सुरक्ष‍ित होने जा रहा है. इसके लिए रेलवे बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रहा है

Update: 2022-02-21 15:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Indian Railways : अगर आप भी अक्‍सर ट्रेन से सफर करते हैं तो यह खबर आपको जरूर पढ़ लेनी चाह‍िए. भारतीय रेलवे (Indian Railway) का सफर अब पहले से ज्‍यादा सुरक्ष‍ित होने जा रहा है. इसके लिए रेलवे बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रहा है.

पहले से ज्‍यादा सुरक्ष‍ित हो जाएगा सफर
रेलवे का पूर्व मध्य रेलवे जोन (ECR) अपने जोन से गुजरने वाली ट्रेनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम 'कवच' (Kavach) को स्थापित करेगा. इसका सेटअप तैयार होने के बाद रेलवे का सफर पहले से कही ज्‍यादा सुरक्ष‍ित हो जाएगा. देश में ही तैयार की गई विश्व स्तरीय तकनीक कवच (Kavach) के तहत 2,000 किमी का नेटवर्क तैयार क‍िया जाएगा.
देश में ही विकसित की गई 'कवच' तकनीक
यह टेक्‍नोलॉजी के रेल नेटवर्क (Rail network) को सेफ बनाने के साथ उसकी क्षमता भी बढ़ाएगी. कवच (Kavach) एक स्‍वदेशी तकनीक है. इसे देश में ही विकसित किया गया है. पूर्व मध्य रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) वीरेंद्र कुमार ने बताया क‍ि यह प्रणाली पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन (Pt Deen Dayal Upadhyaya Junction) गया (Gaya) धनबाद (Dhanbad) ग्रैंड कॉर्ड रूट पर लगाई जाएगी.
130 किमी की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति
इस तकनीक के ल‍िए 151 करोड़ रुपये का टेंडर भी जारी क‍िया जा चुका है. वीरेंद्र कुमार ने Hindustan Times से बातचीत में बताया क‍ि 408 किलोमीटर लंबा पंड‍ित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन-गया-धनबाद ग्रैंड कॉर्ड मार्ग हमारे देश में 77 स्टेशन और 79 लेवल क्रॉसिंग फाटकों को कवर करने वाला अहम रेल मार्ग है. इस रूट पर 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति दी गई है.
कैसे काम करता है कवच सिस्टम?
यह सिस्टम सैटेलाइट द्वारा रेडियो कम्युनिकेशन के जरिए लोकोमोटिव और स्टेशनों पर आपस में कम्यिनिकेट करता है. इस सिस्टम के द्वारा लोको पायलेट को जहां एक और आगे आने वाले सिग्नलों की स्थिति के बारे में पता चलता है, वहीं दूसरी ओर उसे लाइन पर रुकावट / रोक का पता भी चल जाता है.


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