इस आर्टिकल द्वारा सही और गलत आधार कार्ड की करें पहचान

इस आर्टिकल में जानते हैं कि सही और गलत आधार कार्ड की पहचान कैसे करें.

Update: 2021-08-25 15:36 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :-   वर्तमान में आधार कार्ड सबसे महत्वपूर्ण और भरोसेमंद पहचान प्रमाणपत्र है. ज्यादातर कामों में इसकी अनिवार्यता कर दी गई है. अगर कोई बच्चा जन्म लेता है तो उसका भी आधार कार्ड बनाया जाता है. हर जगह इसकी जरूरत के कारण ही साइबर क्रिमिनल के निशाने पर आधार डेटा होता है और समय-समय पर इस डेटा के चोरी की खबरें आती रहती हैं. इस आर्टिकल में जानते हैं कि सही और गलत आधार कार्ड की पहचान कैसे करें.

आधार कार्ड में किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं हो इसके लिए UIDAI ने यूजर्स को सचेत किया है. UIDAI ने अपने आधिकारिक टि्वटर हैंडल के जरिए कहा कि किसी भी आधार कार्ड का ऑनलाइन और ऑफलाइन वेरिफिकेशन किया जा सकता है. अगर ऑफलाइन वेरिफिकेशन करना है तो उसके QR कोड को स्कैन करना है. ऑनलाइन वेरिफिकेशन के लिए resident.uidai.gov.in/verify लिंक पर जाकर 12 अंकों का आधार नंबर दर्ज करें. आप चाहें तो एम-आधार ऐप से भी यह काम कर सकते हैं.
कैसे करें आधार की जांच
resident.uidai.gov.in/verify लिंक पर क्लिक करने के बाद सिक्योरिटी कोड और कैप्चा कोड भरने के लिए कहा जाएगा. इससे पहले आपको 12 नंबर का आधार नंबर दर्ज करना होगा. अब वेरिफाई करने के लिए आपको proceed पर क्लिक करना होगा. यहां जाते हीं आपको आधार से जुड़ी सभी जानकारी एकसाथ मिल जाएगी. इस तरीके से आपको यह भी पता चल जाएगा कि आपका आधार ओरिजिनल या नहीं. अगर ऑफलाइन चेक करना चाहते हैं तो आधार कार्ड के निचले हिस्से में क्यूआर कोड बना होता है. इसे अपने मोबाइल के स्कैनर से स्कैन कर लें. इससे सभी तरह की जानकारी एकसाथ मिल जाएगी.
मेल का भी ले सकते हैं सहारा
आम लोगों की मदद के लिए यूएडीएआई ने पूर्व में एक टोल फ्री नंबर जारी किया था. सभी लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं हो सकते हैं, इसे देखते हुए यह टोल फ्री नंबर 1947 जारी किया गया था. आधार से जुड़ी और भी कोई समस्या हो तो इस नंबर पर फोन कर अपनी बात रखी जा सकती है. अगर आप चाहें तो यूआईडीएआई को मेल लिखकर भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं या किसी प्रकार की जानकारी ले सकते हैं. इस मेल आईडी का पता है help@uidai.gov.in है. यह खास सेवा देश की अलग-अलग 12 भाषाओं में उपलब्ध है. इन भाषाओं में आप हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, कन्नड़, तमिल, मलयालम. पंजाबी, गुजराती, मराठी, उड़िया, बंगाली, असमी और ऊर्दू का सहारा ले सकते हैं.


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