हरियाणा: सरकार ने लैंड बैंक नीति को किया नोटिफाई, भूमि की मजबूरन बिक्री करने का मिलेगा सहारा

हरियाणा में जमीन मालिकों को अपनी भूमि की मजबूरन बिक्री करने का सहारा लेने से रोकने और आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने लैंड बैंक नीति को अधिसूचित (Notified) कर दिया है. इस पॉलिसी से सरकार दो मकसद एक साथ पूरा करेगी.

Update: 2021-08-11 12:36 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :-  हरियाणा में जमीन मालिकों को अपनी भूमि की मजबूरन बिक्री करने का सहारा लेने से रोकने और आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने लैंड बैंक नीति को अधिसूचित (Notified) कर दिया है. इस पॉलिसी से सरकार दो मकसद एक साथ पूरा करेगी. बेचने वालों को उसकी जमीन का सही रेट मिलेगा और सरकार को विकास कार्य (Development work) के लिए आसानी से जमीन मिल जाएगी. हाल ही में इस नीति को बनाने का ऐलान किया गया था. अभी सरकार को विकास योजनाओं के लिए जमीन देने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के वित्तायुक्त संजीव कौशल ने कहा कि यह देखा गया है कि कभी-कभी भूमि स्वामियों, विशेष रूप से विदेशों में रहने वाले लोगों को बाजार में मंदी या महामारी, बिचौलियों के दबाव या विभिन्न कारणों से अपनी भूमि की बिक्री मजबूरन करनी पड़ती है. लैंड बैंक (land bank) विभागों, भूमि मालिकों, किसानों (Farmers) और राज्य सरकार के लिए फायदे की स्थिति की पेशकश करेगा. जहां किसान प्रतिस्पर्धी मूल्य (competitive price) पर भूमि बेचने में सक्षम होगा.
लैंड बैंक क्या करेगा
रियाणा सरकार (Haryana government) के मुताबिक लैंड बैंक विभागों को आवश्यक सेवाओं, जिसमें जलघर, बिजली सब-स्टेशन, कॉलेज, विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, अस्पताल एवं पॉलिटेक्निक आदि की स्थापना के लिए सरकार को जमीन देगा.
बैंक की स्थापना विकास परियोजनाओं के लिए सरकार को स्वेच्छा से दी जाने वाली भूमि की खरीद, बोर्डों एवं निगमों सहित सरकारी विभागों के लिए भूमि बैंक सृजित करने की नीति के तहत की जाएगी.
ऑफर लेने के लिए ऑनलाइन पोर्टल
बाजार की प्रवृत्तियों सहित किसी भी घटना के कारण मजबूरन बिक्री से बचने के लिए अपनी भूमि बेचने का निर्णय लेने वाले भूस्वामियों को सरकार प्रतिस्पर्धी मूल्य प्रदान करने की पेशकश कर सकती है. भू-स्वामियों या किसानों को अपनी भूमि की बिक्री की पेशकश करने के लिए निदेशक, भू अभिलेख के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा, जिसमें उन्हें मोलभाव करने लायक मूल्य सहित भूमि का पूरा विवरण देना होगा. ऑनलाइन आवेदन जमा करते समय आवेदक को संबंधित भूमि अभिलेख संलग्न और उनकी अपेक्षित रेट का जिक्र करना होगा.
राजस्व टीम द्वारा सत्यापन
निदेशालय के अधिकारियों द्वारा वेब-हैलरिस पोर्टल से स्वामित्व, खसरा संख्या सहित संपत्ति का शीर्षक ऑनलाइन सत्यापित किया जाएगा. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जमाबंदी के स्वामित्व कॉलम के अनुसार, भूमि का प्रस्ताव विशिष्ट करुकन (लंबाई और चौड़ाई यानी फील्ड बुक) के साथ पूर्ण खसरा संख्या में है और किसी भी तरह से हिस्सेदारी में नहीं है.
भूमि एवं दर जांच समिति द्वारा जांच
प्रशासनिक सचिव शहरी स्थानीय निकाय की अध्यक्षता में बनी यह समिति निदेशक, भू अभिलेख कार्यालय द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट की जांच करेगी. यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि बेची जा रही भूमि पर कोई अदालती मामला लंबित नहीं है.\
लैंड बैंक समिति से मंजूरी मिलने पर भूमि मालिकों, किसानों द्वारा किए गए प्रस्ताव को उच्चाधिकार प्राप्त लैंड बैंक समिति के समक्ष रखा जाएगा. भूमि क्रय को अंतिम रूप देने के तुरंत बाद संबंधित उपायुक्त द्वारा एक साथ कब्जा लेकर राजस्व विभाग में राज्य सरकार के पक्ष में एक सेल डीड किया जाएगा.


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